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पुलिस वाहन से हुई दुर्घटना में हाईकोर्ट ने सरकार को माना जिम्मेदार, मुआवजा देने का आदेश बरकरार

झारखंड हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि पुलिस वाहन की टक्कर से दो युवकों की मौत के मामले में सरकार की जिम्मेदारी तय होती है। अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) द्वारा मृतकों के परिजनों को 3,48,880 रुपये मुआवजा देने के आदेश को सही ठहराते हुए उसे बरकरार रखा है। इसके साथ ही इस राशि पर वसूली की तारीख तक 7.5% वार्षिक ब्याज देने का निर्देश भी दिया है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब कोई कर्मचारी ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतता है, तो उसका नियोक्ता — इस मामले में राज्य सरकार — भी जिम्मेदार मानी जाएगी। कोर्ट के अनुसार, दुर्घटना के समय बोलेरो गाड़ी पुलिस विभाग की थी और उसे एक पुलिसकर्मी चला रहा था, जो तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चला रहा था।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी सुझाव दिया कि सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सरकार को कानून में संशोधन करने पर विचार करना चाहिए। विशेषकर बीमा कंपनियों को भी ऐसी घटनाओं में निश्चित मुआवजा देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य किया जा सकता है।

अदालत ने सरकार को यह जिम्मेदारी सौंपी कि वह या तो सीधे तौर पर मुआवजा दे या अधिकृत बीमा कंपनियों से यह राशि दिलवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करे। हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के संबंधित विभागों को यह गंभीरता से सोचना चाहिए कि सड़क हादसों में मारे गए या घायल लोगों के परिजनों को कैसे त्वरित और न्यायसंगत राहत पहुंचाई जाए।