धनबाद: ट्रेनों की धुलाई अब होगी आसान, ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट तैयार

धनबाद में रेल डिपो में अब ट्रेनें स्वचालित तरीके से साफ की जाएंगी। 2.04 करोड़ रुपये की लागत से तैयार ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट का काम पूरा हो चुका है। इस नई तकनीक से न केवल कम समय में ट्रेनों की धुलाई संभव हो रही है, बल्कि पानी की भी काफी बचत हो रही है।
15 मिनट में हो रही ट्रेन की सफाई
कोचिंग डिपो के अधिकारी अभय मेहता के अनुसार, पहले 13-14 रैक की धुलाई मैन्युअली की जाती थी, जिसमें एक रैक को धोने में 4-5 घंटे लगते थे। लेकिन ऑटोमैटिक सिस्टम से यह काम सिर्फ 15 मिनट में पूरा हो जाता है। बताते चलें कि पहले एक रैक को धोने में 1500 लीटर पानी खर्च होता था, लेकिन अब यह मात्र 300 लीटर में संभव है। खास बात यह है कि इसमें 80% पानी रिसाइकल कर फिर से इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सालाना करीब 1.28 करोड़ लीटर पानी की बचत होगी।

धुलाई के लिए हाई-टेक तकनीक का इस्तेमाल
इस स्वचालित वॉशिंग प्लांट में स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है, जो हाई और लो प्रेशर में पानी, आरओ वॉटर और क्लीनर केमिकल का छिड़काव करता है। इसके अलावा, कुल 8 बड़े ब्रश कोचों को अच्छी तरह रगड़कर साफ करते हैं। धुलाई के बाद, तेजी से कोचों को सुखाने का भी इंतजाम किया गया है।
अभय मेहता के अनुसार, यह धनबाद रेल मंडल का पहला ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट है, जिसे स्थापित करने में लगभग एक महीना लगा। इस अत्याधुनिक प्लांट से रेलवे को बेहतर सफाई के साथ संसाधनों की भी बचत होगी।