पलायन रोकने को गांव-गांव पहुंचेगी सरकारी योजनाएं, प्रखंडों में ही लगेगा कृषि मेला और पशु शिविर

झारखंड सरकार का कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग अब उन गांवों की तस्वीर बदलने की तैयारी में है, जहां रोजगार की तलाश में लोग पलायन करने को मजबूर हैं। विभाग ने तय किया है कि अब ऐसे प्रभावित पंचायतों और गांवों में सीधे पहुंचकर योजनाएं लागू की जाएंगी।
इस नई पहल के तहत अब कृषि मेलों का आयोजन सिर्फ प्रखंड कार्यालयों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इन्हें गांवों और पंचायतों में आयोजित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक किसान और ग्रामीण लाभान्वित हो सकें। यही नहीं, पशुओं के इलाज और देखरेख के लिए जो हेल्थ कैंप पहले जिला मुख्यालयों में लगते थे, अब उन्हें भी गांवों और प्रखंड स्तर पर आयोजित किया जाएगा।
इस संबंध में हाल ही में रांची के हेसाग स्थित पशुपालन निदेशालय में एक अहम समीक्षा बैठक हुई। इसमें कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं को गांवों तक पहुंचाना अब सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
बैठक के दौरान विभाग ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कार्य योजना (ब्ल्यू प्रिंट) भी तैयार कर ली है। मंत्री ने साफ किया कि इस बार योजनाओं को तय समयसीमा के भीतर धरातल पर उतारना सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी विकास और रोजगार के अवसर सृजित हो सकें।
