सारंडा जंगल में डंप पड़े लौह अयस्क को हटाने से संबंधित मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, अगली सुनवाई 31 जुलाई को
झारखंड हाईकोर्ट में आज चाईबासा के सारंडा जंगल में पड़े लौह अयस्क को हटाने से संबंधित मामले पर सुनवाई हुयी. इस दौरान माइंस विभाग के प्रभारी प्रधान सचिव कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए. मामले में कोर्ट के सवालों पर प्रभारी प्रधान सचिव ने बताया कि सारंडा जंगल में बंद पड़े 16 माइनिंग कंपनियों के लौह अयस्कों में से 11 माइनिंग कंपनियों का मामला विभिन्न अदालत में लंबित है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा 5 माइनिंग कंपनियों के लौह अयस्कों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है. इनमें कोई कानूनी बाधा नहीं है. इससे संबंधित फाइल विभागीय मंत्री के पास है, विभागीय मंत्री से अनुमति मिलने पर 5 माइनिंग कंपनियों के लौह अयस्कों को हटाने के लिए चालान जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मामले में सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया है. जिसपर कोर्ट ने प्रार्थी सरयू राय को इसके प्रति उत्तर देने का निर्देश देते हुए मामले में अगली सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तिथि निर्धारित की है.
बताते चलें कि, सारंडा के जंगलों में हो रही गैरकानूनी माइनिंग को बंद करवाने और पर्यावरण को बचाने के लिए विधायक सरयू राय ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सारंडा जंगल में माइनिंग एक्टिविटी तो बंद हो गई लेकिन अत्यधिक मात्रा में माइनिंग की गई लौह-अयस्क को खुले में छोड़ दिया गया है. जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है.