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झारखंड में बकरीद को लेकर प्रशासन सतर्क, असामाजिक तत्वों पर नजर, डीजीपी ने जारी किए सख्त आदेश

झारखंड में आगामी 7 जून को मनाए जाने वाले बकरीद पर्व को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया है। खासकर रांची, जमशेदपुर, गिरिडीह, हजारीबाग और पलामू जैसे संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त निगरानी रखने को कहा गया है।

राज्य में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने को लेकर डीजीपी ने सभी जिलों में अवैध बूचड़खानों और पशु तस्करी पर सख्ती से रोक लगाने का आदेश दिया है। इन गतिविधियों की निगरानी और आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

संवेदनशील इलाकों की पहचान और फोर्स की तैनाती
हर जिले के एसपी को कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों को चिह्नित करें और वहां पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करें। राजधानी रांची सहित प्रमुख शहरों में अतिरिक्त फोर्स की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी।

राज्य पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि उन व्यक्तियों की पहचान की जाए जो पहले धार्मिक तनाव या सांप्रदायिक घटनाओं में शामिल रहे हैं। ऐसे लोगों पर नज़र रखने और आवश्यक हो तो निवारक कार्रवाई करने को कहा गया है। शांति समिति के सदस्यों और स्थानीय पुलिस अधिकारियों को संपर्क में रहने का निर्देश भी दिया गया है।

राज्य में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), रैपिड एक्शन पुलिस (RAP), झारखंड आर्म्ड पुलिस (JAP), और इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) को तैनात किया जा रहा है। राजधानी रांची में निगरानी को सशक्त बनाने के लिए 70 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

डीजीपी के 11 सूत्रीय निर्देश
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने त्योहार को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए 11 बिंदुओं पर जिलों को निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बकरीद व अन्य धार्मिक मामलों से जुड़े पुराने केसों की स्थिति और कार्रवाई।
  • असामाजिक तत्वों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई।
  • दंडाधिकारियों और सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती।
  • संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी, वीडियोग्राफी और ड्रोन से निगरानी।
  • संयुक्त नियंत्रण कक्ष और आपातकालीन योजना।
  • शांति समिति की नियमित बैठकें।
  • दंगा रोधी उपकरणों और वाहनों की उपलब्धता।
  • लंबित वारंट और कुर्की मामलों की समीक्षा।
  • डीजे और आपत्तिजनक गानों पर रोक।
  • सोशल मीडिया की सघन निगरानी।
  • प्रतिबंधित पशुओं की अवैध तस्करी पर नजर।