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झारखंड बजट 2025-26: बिना कर बढ़ाए राजस्व बढ़ाने पर जोर, पर्यटन और शिक्षा को मिलेगी नई दिशा

झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपए का बजट सदन में पेश किया। यह उनका बतौर वित्त मंत्री पहला बजट है। बजट भाषण की शुरुआत में उन्होंने वीर शहीदों और ऐतिहासिक नेताओं को नमन किया। इसके साथ ही, उन्होंने जमशेद जी टाटा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और झारखंड के अलग राज्य बनने की लड़ाई को भी याद किया।

बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने हेमंत सोरेन के संघर्ष का उल्लेख किया और कवि स्वयं श्रीवास्तव की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा—
"जब डर पता चला, तभी ताकत पता चली,
सीने में सीने की हिम्मत पता चली,
शर्तों पर तेरी बिकने से इंकार कर दिया,
तब जाकर अपनी कीमत पता चली।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि बगैर कर बढ़ाए राज्य के राजस्व में वृद्धि की दिशा में काम किया जा रहा है।

बजट के मुख्य बिंदु:

1. सीएसआर फंड हासिल करने के लिए विभिन्न कंपनियों की पहचान की जाएगी।
2. राज्य के 80% विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, इसलिए शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
3. पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, जिसे विकसित करने के लिए टूरिस्ट सर्किट बनाने पर जोर दिया जाएगा।
4. राज्य के कई सरकारी भवन बेकार पड़े हैं, इन्हें उपयोग में लाने की योजना बनाई जा रही है।
5. केंद्र सरकार के पास झारखंड के 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं, जिसे प्राप्त करने के लिए सरकार कानूनी कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगी।

बजट में बड़े प्रावधान:

-वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में 2025-26 के बजट में 16,500 करोड़ रुपए की वृद्धि।
-राज्य की आर्थिक विकास दर 7.5% रहने का अनुमान।
-सामान्य क्षेत्र के लिए 37,884 करोड़ 36 लाख रुपए का आवंटन।
-सामाजिक क्षेत्र के लिए 62,840 करोड़ 45 लाख रुपए का प्रावधान।
-आर्थिक क्षेत्र के लिए 44,675 करोड़ 19 लाख रुपए की व्यवस्था।