झारखंड में मैनपावर कंपनियों पर सरकार का 129 करोड़ बकाया, शराब दुकानों के हस्तांतरण की रफ्तार धीमी

झारखंड में मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनियों पर सरकारी बकाया की राशि अब बढ़कर 129 करोड़ रुपये हो गई है। मार्च 2024 तक यह बकाया 100 करोड़ था, लेकिन अप्रैल और मई में भी कंपनियों द्वारा बिक्री से मिली राशि जमा नहीं किए जाने के कारण यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है।
दरअसल, राज्य सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री के संचालन का जिम्मा सात मैनपावर कंपनियों को सौंपा था। करार के अनुसार, इन कंपनियों को शराब बिक्री से मिली रकम झारखंड बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के खाते में जमा करनी थी। लेकिन शुरुआत से ही कंपनियों ने पूरी राशि जमा नहीं की। परिणामस्वरूप, कॉरपोरेशन के राजस्व में भारी गिरावट आई और बकाया लगातार बढ़ता गया। विभाग द्वारा कई बार निर्देश देने के बावजूद कंपनियों ने मार्च के बाद भी पूरी कमाई का भुगतान नहीं किया, जिससे मई तक बकाया बढ़कर 129 करोड़ हो गया।

सरकार ने वापस ली दुकानें, हस्तांतरण में आ रही है रुकावट
राज्य सरकार ने नई उत्पाद नीति लागू करने से पहले मैनपावर कंपनियों से शराब दुकानों की वापसी का फैसला किया है। इसके तहत 1453 दुकानों को वापस लेने की प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू की गई। 5 जुलाई तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
दैनिक लक्ष्य के तहत प्रत्येक दिन 329 दुकानों का हस्तांतरण किया जाना था, लेकिन अब तक रफ्तार अपेक्षा के अनुसार नहीं है।
- 1 जुलाई को 329 के लक्ष्य के मुकाबले केवल 263 दुकानें ही हस्तांतरित हो सकीं।
- 2 जुलाई को निर्धारित 201 के लक्ष्य के विरुद्ध केवल 171 दुकानों का हस्तांतरण हो पाया।
इस प्रकार दो दिनों में 658 दुकानों के लक्ष्य की तुलना में केवल 434 दुकानों का ही सफलतापूर्वक हस्तांतरण हो पाया है।
आगे की योजना
उत्पाद विभाग अब इस प्रक्रिया को तेज़ करने के प्रयास में है ताकि नई उत्पाद नीति लागू होने से पहले सभी दुकानें सरकार के नियंत्रण में वापस आ सकें। अधिकारियों का कहना है कि बकाया वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई भी विचाराधीन है।