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नये साल में झारखंड को मिलेगा 4000 मेगावाट का सुपर थर्मल पावर प्लांट

झारखंड में बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4000 मेगावाट क्षमता का पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट 2025 में शुरू होने जा रहा है। इस परियोजना से राज्य बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। हालांकि, इसे 2024 में ही शुरू किया जाना था, लेकिन अब इसके संचालन की नई समयसीमा 2025 निर्धारित की गई है।

राज्य को मिलेगी 85% बिजली
राज्य सरकार और एनटीपीसी के बीच हुए समझौते के अनुसार, इस पावर प्लांट से उत्पादित 85% बिजली झारखंड को मिलेगी। केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि राज्य को इस परियोजना के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। केंद्र ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार को प्राथमिकता के आधार पर इस परियोजना को शुरू करना चाहिए। बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2022 को इस परियोजना की ऑनलाइन समीक्षा की थी। इस दौरान झारखंड के मुख्य सचिव ने जानकारी दी थी कि 2024 से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। अब यह लक्ष्य 2025 तक खिसक गया है।

परियोजना का विकास और भागीदारी
2015 में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) और एनटीपीसी ने मिलकर पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) नामक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाई। 2016 में इसे एनटीपीसी को सौंपा गया और 2023 में भेल को कार्यादेश दिया गया।

समझौते के तहत एनटीपीसी 74% और जेबीवीयूएनएल 26% हिस्सेदारी के साथ परियोजना का संचालन कर रही है। जेबीवीयूएनएल द्वारा परियोजना के लिए जमीन, कोयला और पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि एनटीपीसी बैंक से ऋण लेकर इसमें निवेश करेगी। इस परियोजना की मॉनिटरिंग राज्य सरकार का ऊर्जा विभाग करेगा।