झामुमो ने फिर उठायी सरना धर्म कोड की मांग, 27 मई को पार्टी का राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक बार फिर सरना धर्म कोड की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने 27 मई को पूरे झारखंड में जिला मुख्यालयों पर बड़े पैमाने पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने सभी जिलों की इकाइयों, प्रखंड और पंचायत समितियों को प्रदर्शन की तैयारी में लग जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन जनजातीय अस्मिता की रक्षा और सरना धर्म को आधिकारिक मान्यता दिलाने के लिए जरूरी है।
सरना कोड की अनदेखी पर पार्टी नाराज़
विनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड विधानसभा ने अलग सरना धर्म कोड को लेकर पहले ही प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था। बावजूद इसके, आगामी जनगणना के फॉर्म में केवल छह धर्मों का ही उल्लेख है। न केवल सरना कोड गायब है, बल्कि अब तो “अन्य” या Others कॉलम भी हटा दिया गया है। यह आदिवासी पहचान के साथ अन्याय है।

नेताओं की रहेगी भागीदारी
उन्होंने यह भी कहा कि 27 मई को होने वाले इस प्रदर्शन में पार्टी के विधायक, सांसद, मंत्री और सभी पदाधिकारी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। पार्टी इस आंदोलन को पूरे राज्य में एक सशक्त संदेश के रूप में पेश करना चाहती है।
पहले टला था 09 मई का प्रदर्शन
गौरतलब है कि इससे पहले झामुमो ने 9 मई को इसी मुद्दे पर राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन की योजना बनाई थी, जिसे 8 मई को स्थगित कर दिया गया। वजह थी भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बनी संवेदनशील स्थिति।
उस समय पार्टी ने कहा था कि सरना कोड की मांग बेहद अहम है, लेकिन देश के हालात को देखते हुए सेना के साथ एकजुटता दिखाना ज़्यादा ज़रूरी है। इसलिए 9 मई का प्रदर्शन स्थगित किया गया था और अब नई तारीख 27 मई तय की गई है।