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JPSC घोटाला: DSP राधा किशोर की जमानत याचिका पर सुनवाई, सीबीआई ने मांगा समय

द्वितीय जेपीएससी भर्ती घोटाले से जुड़े एक अहम मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। यह सुनवाई मामले में चार्जशीटेड आरोपी राधा प्रेम किशोर और रवि कुमार कुजूर की अग्रिम जमानत याचिका पर की गई। सीबीआई ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

राधा प्रेम किशोर, जो झारखंड के वर्तमान वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर के भाई हैं, उन पर सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट के आधार पर विशेष अदालत ने संज्ञान लेते हुए समन जारी कर दिया है। समन जारी होने के बाद दोनों आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इससे पहले इस घोटाले में कई आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है।

12 साल बाद दाखिल हुई चार्जशीट, 64 लोग आरोपी
सीबीआई ने हाई कोर्ट के निर्देश पर 7 जुलाई 2012 को एफआईआर दर्ज की थी और 12 वर्षों की लंबी जांच के बाद 26 नवंबर को इस मामले में विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इस घोटाले में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद सहित कुल 64 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

नंबरों की हेराफेरी, फर्जी इंटरव्यू स्कोर और कॉपियों में कांटछांट
जांच के दौरान सीबीआई को कई चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे। रिपोर्ट के अनुसार, जेपीएससी के कुछ सदस्यों और कोऑर्डिनेटर के इशारे पर 12 उम्मीदवारों के अंक बढ़ाए गए थे। यहां तक कि कॉपियों में खुद काटछांट कर मार्क्स बढ़ाने की पुष्टि हुई। साथ ही, कई सफल उम्मीदवारों को इंटरव्यू में मिले वास्तविक अंक जानबूझकर बढ़ाए गए थे।

यह भी खुलासा हुआ है कि परीक्षा की कॉपियों की जांच गुजरात की फोरेंसिक लैब में कराई गई थी, जिससे यह गड़बड़ियां सामने आईं। आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से कई नियुक्त उम्मीदवार आज प्रमोशन पाकर डीएसपी से लेकर वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर तैनात हैं।