Movie prime

खूंटी डीईओ अपरूपा पाल चौधरी की मुश्किलें बढ़ीं, मृत शिक्षक के नाम भुगतान के बाद अब पीएम श्री योजना में अनियमितता बरतने का लगा आरोप

खूंटी जिले में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। एक ओर जहां मृत शिक्षक के खाते में 54 लाख रुपये ट्रांसफर होने के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अपरूपा पाल चौधरी पहले से ही जांच के घेरे में हैं, वहीं अब उन पर पीएम श्री योजना की राशि में 88 लाख रुपये की अनियमितता का आरोप भी लग गया है। इन नए आरोपों के बाद प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए डीडीसी की अध्यक्षता में जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी है।

पीएम श्री योजना, यानी प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइज़िंग इंडिया, का उद्देश्य देश के चुनिंदा स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। इस योजना के तहत स्मार्ट क्लास, बाल अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री, कंप्यूटर लैब, अटल टिंकरिंग लैब जैसी सुविधाएं देने की बात कही गई थी। मगर खूंटी जिले में इस योजना की राशि का सही उपयोग नहीं होने का आरोप लगा है।

समाजसेवी दिलीप मिश्रा की शिकायत पर यह मामला सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि इस योजना में हुए घपले की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो यह घोटाला राज्य के चर्चित पशुपालन घोटाले से भी बड़ा साबित हो सकता है। मिश्रा ने बताया कि झारखंड के लगभग हर जिले में इस योजना की राशि का दुरुपयोग हुआ है, लेकिन फिलहाल खूंटी जिले में जांच शुरू हुई है।

खास बात यह है कि जिले के जिन आठ स्कूलों को 88 लाख रुपये की राशि मिली थी, वहां आज तक आवश्यक सामग्री नहीं पहुंची। मिश्रा का आरोप है कि डीईओ ने बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए अपने चहेते वेंडरों को लाभ पहुंचाते हुए रकम जारी कर दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ खूंटी ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी यही तरीका अपनाया गया है।

वहीं डीईओ अपरूपा पाल चौधरी ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि पूरी खरीद प्रक्रिया वरीय अधिकारियों के निर्देश पर नियमों के अनुसार की गई है और जांच टीम को हर सवाल का जवाब दिया जाएगा।

इससे पहले मार्च 2024 में डीईओ पर मृत शिक्षक फ्रांसिस टोपनो के नाम पर 54 लाख रुपये वेतन भुगतान का मामला उजागर हुआ था। यह भुगतान उस अवधि का था जब शिक्षक जीवित ही नहीं थे। आरोप है कि डीईओ ने जरूरी दस्तावेजों की जांच किए बिना वेतन बिल पारित कर दिया, जिससे शिक्षक को एक ही अवधि में दो बार भुगतान हो गया। इस मामले में भी विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।

डीसी लोकेश मिश्रा ने पुष्टि की है कि दोनों मामलों की जांच डीडीसी की निगरानी में हो रही है और दोषियों पर कार्रवाई रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी। शिक्षा विभाग की लगातार बढ़ती इन गड़बड़ियों ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था की साख पर गंभीर चोट पहुंचाई है।