मंईयां सम्मान योजना में बड़ा बदलाव, अब राशन और आधार कार्ड अनिवार्य, फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना में अब पारदर्शिता और वास्तविक लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए एक अहम बदलाव किया गया है। योजना के तहत अब महिलाओं को लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। बिना इन दस्तावेजों के कोई भी महिला इस योजना के तहत मिलने वाली राशि की हकदार नहीं होगी।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने खाद्य आपूर्ति विभाग के साथ मिलकर इस बदलाव को लागू करने का फैसला लिया है। इसका उद्देश्य है— योजना में हो रहे फर्जी लाभार्थियों की पहचान रोकना और सही पात्र महिलाओं को ही सहायता राशि देना।
तकनीक से होगा दस्तावेजों का मिलान
अब राशन कार्ड की सत्यता की जांच टेक्नोलॉजी के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए खाद्य आपूर्ति विभाग के राशन कार्ड पोर्टल की एपीआई (API) को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) से जोड़ा गया है। इससे कार्डधारियों की पहचान और खाता विवरणों का मिलान सरल और सुरक्षित तरीके से किया जा सकेगा।

अस्थायी रूप से दिए गए थे भुगतान
मार्च महीने तक सरकार ने कुछ महिलाओं के बिना आधार से जुड़े खातों में अस्थायी तौर पर 7500 रुपये ट्रांसफर किए थे। यह भुगतान शुक्रवार और शनिवार को उन लाभार्थियों को किया गया था जिनकी किस्तें बाकी थीं।
अप्रैल से लागू हुआ नया नियम
1 अप्रैल से योजना में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब केवल उन्हीं महिलाओं के खाते में हर महीने 2500 रुपये की सहायता राशि भेजी जाएगी, जिनके खाते आधार कार्ड से लिंक हैं। इसके अलावा, महिला की उम्र 21 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। राशन कार्ड जरूरी दस्तावेजों में शामिल है। अगर महिला का नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं है, तो उनके पिता या पति का राशन कार्ड भी मान्य होगा।