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मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव और उसका नौकर गिरफ्तार

झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के आवास समेत 6 जगहों पर रविवार सुबह शुरू हुई प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी सोमवार देर रात तक चली। दिनभर की जांच के बाद ईडी ने कुल 35.23 करोड़ रुपए कैश और ट्रांसफर-पोस्टिंग के पेपर बरामद किए हैं। आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट से 31.20 करोड़ और बिल्डर मुन्ना सिंह के यहां से 2.93 करोड़ रुपए बरामद किए गए। बरामदगी के बाद संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम से देर रात तक पूछताछ की गई। इसके बाद दोनों को देर रात ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। संभावना है कि आज दोनों को ED की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

ED ने सोमवार की सुबह तकरीबन 6.30 बजे अधिकारियों ने एक साथ नौ जगहों पर छापेमारी करने पहुंची। जिसमें चंपई सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल, संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम, बिल्डर मुन्ना सिंह, इंजीनियर कुलदीप सिंह, इंजीनियर विकास कुमार सहित कई लोग शामिल हैं। टीम ने संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम ने हरमू रोड स्थित सर सैयद रेसिडेंसी के ब्लॉक बी के फ्लैट नंबर 1A पहुंची। यहां से जांच की शुरुआत की। टीम को यहीं सबसे अधिक कैश मिले। वहीं दूसरा कैस बिल्डर मुन्ना सिंह ने पीपी कंपाउंड स्थित आवास में मिला। इसके अतिरिक्त अन्य जगहों से केवल कई तरह के दस्तावेज मिले हैं। छापेमारी रात के लगभग 11.30 बजे तक चली।

एडिशनल ज्वाइंट डायरेक्टर पहुंचे रांची
कैश बरामदगी की सूचना के बाद देर शाम ED के एडिशनल जॉइंट डायरेक्टर कपिल राज रांची पहुंचे। वे दिल्ली से रांची आए। इसके बाद उन्होंने जहांगीर के फ्लैट पहुंच कर विभाग के अधिकारियों से पैसे की बरामदगी की जानकारी ली। जहांगीर के अलावा मंत्री के पीएस संजीव लाल, बिल्डर मुन्ना सिंह सहित अन्य के ठिकाने पर भी उन्होंने दौरा किया।

देर रात तक चली नोटों की गिनती
टीम ने संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट से बरामद रुपए की गिनती देर रात की है। ED के अधिकारियों ने जब जहांगीर के हरमू रोड के सईद रेसिडेंसी के ब्लॉक बी स्थित फ्लैट नंबर 1A की तलाशी ली तो अचंभित रह गए। वहां दो कमरों में मौजूद अलमीरा और दीवान में झोले में भर-भरकर 500-500 रुपए के नोटों के बंडल रखे हुए थे। इसे इकट्‌ठा किया तो वहां नोटों का पहाड़ बन गया। पीएनबी से नोट गिनने की तीन मशीन मंगाई गई, जिससे दोपहर तीन बजे तक गिनती हुई। इसके बाद दो और मशीन मंगाई गई। देर रात तक गिनती चली। इसके अतिरिक्त जमीन और ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े कागजात भी मिले हैं।

ऐसे तैयार हुआ छापेमारी का ग्राउंड
सोमवार को हुई छापेमारी के पीछे का तार ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़ा हुआ है। वीरेंद्र राम को टेंडर घोटाले में पिछले साल 23 फरवरी को ED ने गिरफ्तार किया था। वह अभी जेल में है। जांच एजेंसी ने खुलासा किया था कि वीरेंद्र ने टेंडर कमीशन के माध्यम से करीब 125 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है। बाद में उसके पांच सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया था और उसकी संपत्ति जब्त कर ली गई थी। यहीं से तार जोड़ते हुए EDटीम ने छापेमारी की और करोड़ों रुपए बरामद किए हैं।


छापेमारी के बीच निकली कई कहानियां

कहानी नंबर एक : बेहोश होने लगे संजीव लाल

ED ने जब संजीव कुमार लाल के सरकारी आवास पर छापेमारी की तो वहां जहांगीर नहीं मिला। जांच एजेंसी को वहां इस फ्लैट की जानकारी मिली। फिर चाबी लेकर टीम वहां पहुंची, जहां जहांगीर मौजूद था। जब संजीव को पता चला कि जहांगीर के आवास से रुपयों की बरामदगी हो गई है तो वे बार-बार बेहोश होने लगे। जहांगीर उनके सरकारी आवास पर ही रहता था और वही फ्लैट की भी देखभाल करता था।

कहानी नंबर दो : जहांगीर दिखाने लगा टीम को रुपए

ED की टीम जब जहांगीर आलम के फ्लैट पर पहुंची तो वह खुद अलमीरा खोलकर बताने लगा कि पैसे कहां-कहां रखे हुए हैं। फ्लैट में दो अलमीरा और एक दीवान था। इसमें झोला, पॉलीथिन, बैग और कागज में लपेटकर नोटों के बंडल रखे हुए थे। यह फ्लैट तीन माह पहले ही जहांगीर के नाम पर लिया गया था, लेकिन वहां कोई रहता नहीं था। जहांगीर ने टीम को बताया कि ये सारे रुपए संजीव लाल के हैं।

कहानी नंबर तीन : ट्रांसफर के लिए राजेश ठाकुर के नाम की पैरवी

छापेमारी के दौरान फ्लैट से कई डॉक्यूमेंट मिले। ये ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े हैं। आवास से मिले दस्तावेज में ट्रांसफर पोस्टिंग कराने को लेकर झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नाम का भी जिक्र है। ED को जो लिस्ट मिला उसमें 23 जून 2023 का तारीख लिखा है। इसमें लिखा है कि बीडीओ शालिनी खलखो कटकमदाग इन्हें हटाकर हजारीबाग से दूर कहीं भेजा जाए। इसके नीचे में राजेश ठाकुर पीसीसी लिखा है। ट्रांसफर पोस्टिंग लिस्ट में महेश्वरी प्रसाद यादव बीडीओ पोडैयाहाट जिला गोड्डा को यथावत रखना है। एजाज आलम 585/20 पूर्णिया, कार्यपालक दंडाधिकारी गोड्डा का सेवा ग्रामीण विकास विभाग को प्राप्त, बीडीओ सरैयाहाट जिला दुमका के पद पर करना है। फुलेश्वर मुर्मू सेकंड बैच बीडीओ जरमुंडी ( तीन अगस्त 2020 से)अपेक्षा बीडीओ गोड्डा सदर जिला गोड्डा, गृह जिला देवघर करना है। बीडीओ देवीपुर जिला देवघर के पद पर किसी ओबीसी, एसटी, एससी को करना है, जैसे शब्द लिखे हैं।

छापेमारी के किरदार 

संजीव लाल : संजीव लाल सरकारर सेवा के अधिकारी हैं। वे बीते चार साल से मंत्री आलमगीर आलम के पीए हैं। संजीव रांची जिले के डीटीओ भी रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने भाजपा सरकार में मंत्री रहे सीपी सिंह के भी पीएस रह चुके हैं। संजीव लाल का रसूख ऐसा रहा है कि सरकार किसी भी पार्टी की रही हो वे हमेशा क्रीम वाले पोस्ट भी रहे हैं।

मुन्ना सिंह : मुन्ना सिंह पेशे से बिल्डर हैं। वह मूल रूप से बिहार के बक्सर का रहने वाले हैं। कई सालों से मोराबादी की कुसुम बिहार में रह रहा है। पीपी कंपाउंड में भी उसका फ्लैट है। पिछले कुछ वर्षों से वह अचानक अकूत संपत्ति का मालिक बन गया।

उसके पास रेंज रोवर सहित कई महंगी गाड़ियां हैं। इससे पहले वह गीतांजलि रियल एस्टेट में पार्टनर था। हाल ही में उसने समृद्धि प्रॉपर्टी व होमली लैंडबैंक के नाम से कंपनी शुरू की है। इसकी एक अन्य कंपनी तेजस्विनी रियल स्टेट में संजीव लाल की पत्नी भी निदेशक हैं।

जहांगीर आलम : जहांगीर के बारे बताया जाता है कि वह मंत्री आलमगीर आलम के बेटे तनवीर आलम के ससुराल का रहने वाला है। तनवीर दिल्ली से लौट कर रांची में मिनरल वाटर प्लांट खोला था। जहांगीर इसी प्लांट से जुड़ा। जब आलमगीर आलम मंत्री बने तब जहांगीर को गैरसरकारी सहायक बना कर मंत्री आवास पर भेज दिया गया। बाद में उसे मंत्री के पीए संजीव लाल के साथ जुड़ कर काम करने को कहा गया।