एनआरएचएम घोटाला: प्रमोद सिंह समेत तीन पर ईडी का शिकंजा, 9.39 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) से जुड़े एक बड़े घोटाले में प्रमोद सिंह, उनकी पत्नी प्रिया सिंह और पिता आदित्य नारायण सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इन तीनों पर कुल 9.39 करोड़ रुपये की अवैध मनी लॉन्ड्रिंग करने का गंभीर आरोप है। यह धनराशि स्वास्थ्य योजनाओं जैसे पल्स पोलियो अभियान और कर्मचारियों के मानदेय पर खर्च की जानी थी।
ईडी की जांच के अनुसार, प्रमोद सिंह धनबाद जिले के झरिया और जोड़ापोखर प्रखंडों में ब्लॉक अकाउंट्स मैनेजर के पद पर कार्यरत था, जहां उसे मात्र 17 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता था। हालांकि, उसे चिकित्सा पदाधिकारी शशिभूषण प्रसाद के साथ संयुक्त रूप से एनआरएचएम फंड के बैंक खातों से राशि निकालने का अधिकार प्राप्त था।

आरोप है कि प्रमोद ने चिकित्सा पदाधिकारी के साथ मिलकर सरकारी फंड से 9.39 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की और उसे निजी उपयोग में लाया। इनमें से 3.95 करोड़ रुपये प्रमोद ने अपने स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक खातों में ट्रांसफर किए। वहीं, उसकी पत्नी प्रिया सिंह के खाते में चेक संख्या 477268 के माध्यम से 10 लाख रुपये भेजे गए, जिसे बाद में सहयोगी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के खाते में भेजकर जमीन खरीदी गई।
पूछताछ के दौरान प्रमोद और प्रिया ने दावा किया कि यह राशि प्रिया की मां द्वारा कर्ज के रूप में दी गई थी, लेकिन वे इस दावे को दस्तावेजी रूप से सिद्ध नहीं कर पाए। ईडी की रिपोर्ट बताती है कि प्रमोद ने अपनी पत्नी, पिता और मां के नाम से संपत्तियां खरीदीं। उसने इस अवैध काम में अपने करीबी सहयोगियों – अश्विनी कुमार शर्मा, विजय कुमार सिंह और अरुण कुमार सिंह के बैंक खातों और एटीएम कार्ड का भी दुरुपयोग किया।
इस घोटाले में 4.45 करोड़ रुपये की राशि का प्रत्यक्ष उपयोग प्रमोद सिंह ने किया, जिसमें से 1.63 करोड़ रुपये से स्थायी संपत्ति खरीदी गई। प्रमोद की पत्नी के बैंक खाते में झरिया और जोड़ापोखर से कुल 18.66 लाख रुपये स्थानांतरित किए गए। प्रिया सिंह ने यह भी दावा किया कि उसने अपनी मां से 30 लाख रुपये नकद उधार लिए थे, लेकिन जांच में यह बात भी प्रमाणित नहीं हो सकी।
वहीं प्रमोद के पिता आदित्य नारायण सिंह के खाते में 15.17 लाख रुपये नकद जमा किए गए, जिनके स्रोत की जानकारी वे नहीं दे सके। उन्होंने यह तर्क दिया कि उन्होंने पोस्ट ऑफिस में जमा एफडी और रेकरिंग से धन निकाला था, परंतु जांच में यह दावा सही नहीं पाया गया। ईडी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि आदित्य नारायण सिंह ने 1.42 करोड़ रुपये की संपत्ति अपनी पत्नी रमापति देवी के नाम पर खरीदी, जो सरकारी पैसे का दुरुपयोग था। ईडी ने इस पूरे मामले को पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत अपराध माना है और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी गई है।