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आर्थिक ऊंचाई पर रांची एयरपोर्ट, लेकिन सुविधाओं में भारी गिरावट, जानें ग्राहक संतुष्टि रिपोर्ट पर मिला कौन सा स्थान ?

रांची का बिरसा मुंडा एयरपोर्ट अब देश के लाभ अर्जित करने वाले हवाई अड्डों की गिनती में शामिल हो गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में एयरपोर्ट ने करीब 45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो अब तक का सर्वाधिक लाभ है। इससे पहले 2023-24 में इसे केवल 8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।

सन 1941 में स्थापित यह एयरपोर्ट वर्ष 1972 से उड़ानों के संचालन में सक्रिय है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अधीन आने के बाद यह लगातार दो वर्षों से मुनाफे में चल रहा है।

इस समय रांची एयरपोर्ट से साप्ताहिक 56 उड़ानें संचालित होती हैं। इनमें बेंगलुरु के लिए सबसे अधिक 31 उड़ानें, कोलकाता के लिए 21 उड़ानें, और हाल में शुरू हुई हैदराबाद सेवा भी शामिल है। एयर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो, स्पाइसजेट और गो एयर जैसी प्रमुख कंपनियाँ यहां अपनी सेवाएं दे रही हैं।

मुनाफे की उड़ान भरने के बावजूद, ग्राहक अनुभव के मामले में यह एयरपोर्ट पिछड़ गया है। 2023-24 में जहां यह छठे स्थान पर था, वहीं 2024-25 में संतुष्टि रैंकिंग में 24वें स्थान पर गिर गया है।

यात्रियों ने पार्किंग की अव्यवस्था, रेस्ट रूम की कमी और महंगे खाने को लेकर नाराजगी जताई है। स्टाफ का व्यवहार, सफाई व्यवस्था, ग्राउंड स्टाफ की मदद और रेस्तरां सेवाएं भी आलोचना के घेरे में आई हैं।

देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों की सूची में यह 27वें स्थान पर है, और अयोध्या, बरेली, प्रयागराज, तिरूपति और दरभंगा जैसे शहरों के एयरपोर्ट्स से ऊपर है।

हालात को सुधारने की दिशा में प्रबंधन ने पहल शुरू कर दी है। पार्किंग की व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही एक विधायक के पुत्र को दी जा रही मुफ्त पार्किंग सुविधा भी रद्द कर दी गई है, जिससे एयरपोर्ट संचालन में पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है।

सारांश रूप में, मुनाफा भले ही आसमान छू रहा हो, पर जमीन पर यात्रियों की सुविधा और संतुष्टि को अभी लंबा सफर तय करना बाकी है।