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Ranchi: आदिवासी जननेता देश ही नहीं विश्व फलक पर भी अपने कार्यों से अमिट छाप छोड़े हुये हैं: राज्यपाल

 

राजधानी रांची के मोराबादी स्थित दीक्षांत मंडप से विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रांची विश्वविद्यालय की तरफ से जोहार संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन शामिल हुए और कार्यक्रम का उद्घाटन दीप जलाकर किया। कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति के साथ रांची विश्वविद्यालय से जुड़े छात्र-छात्राएं भी शामिल रही। पूरे कार्यक्रम में जनजातीय समुदाय की सहभागिता एवं उनके स्वालंबन को लेकर किये गये कार्यों के स्टॉल का प्रदर्शनी भी लगायी गयी। कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय से जुड़े जन-नेताओं के कटआउट भी कार्यक्रम में लगाये गये। आयोजित कार्यक्रम में थीम पर आधारित जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति की गयी, जो उपस्थित लोगों को काफी मंत्र मुक्त किया।

कार्यक्रम के संबोधन में राजपाल ने कहा कि झारखंड से जुड़े आदिवासी जननेता देश ही नहीं वरन विश्व फलक पर भी अपने कार्यों से अमिट छाप छोड़े हुए हैं। देश की आजादी के साथ विशेष तौर पर सामाजिक उत्थान को लेकर भी इनका विशेष योगदान रहा है। झारखंड की जनजातीय महिलाओं के सामाजिक आर्थिक जीवन में परिवर्तन के लिए उन्हें स्वावलंबी बनाने की विशेष जरूरत है। विशेष तौर पर झारखंड की जनजाति महिलाएं अत्यंत परिश्रमी होती हैं, उन्हें अपने विकास के प्रति निरंतर ललक रहती है। लोगों को झारखंड के पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से प्रेरणा लेनी चाहिए। जनजातीय महिलाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से उनके उत्थान को लेकर कई योजनाएं निरंतर चलायी जा रही है।