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Ranchi: राजनीतिक इशारे पर सीएम को परेशान करने का खेल चल रहा: झामुमो

राज्य में सियासी हलचल के बीच झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर  मीडिया को संबोधित किया। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 31 जनवरी को सीएम हेमंत सोरेन रांची में होंगे।  साथ ही जिन जरूरी जानकारियों की आस में ईडी है, उसे उपलब्ध कराने में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि 20 जनवरी को सहायक आयुक्त के नेतृत्व में ईडी की सात सदस्यीय टीम कुछ जानकारियों के लिए सीएम हाउस आयी थी। 17-18 सवाल सीएम से किए थे। तथाकथित विसंगतियों की ओर इशारा करते वे जानकारी मांग रहे थे।
हालांकि पूर्व में जो समन उन्हें जारी किया था, उसमें पीएमएलए की धारा 50 के तहत यह नहीं आता। बड़गाईं जमीन के बारे में पूछा। इसका पता पूर्व में लगाया था तो यह बात सामने आयी थी कि यह तो भुईंहरी प्रवृत्ति की जमीन है जिसकी खरीद बिक्री संभव नहीं। हीं इस पूछताछ के बाद भी सीएम को 31 जनवरी तक कुछ बिंदुओं पर जानकारी के लिए ईडी की ओर से कहा गया। इसमें दिक्कत नहीं है। जो भी जानकारी चाहिये, दी जायेगी। सुप्रियो के मुताबिक अभी सीएम निजी काम से दिल्ली गये हैं। वे वापस लौटेंगे जरूर। पिछली बार की तरह इस बार भी सीएम ने 31 जनवरी को सीएम हाउस में एक बजे आने और जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही है।

राजनीतिक शह पर हो रहा खेल सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग के पास लोक प्रतिनिधियों से संबंधित सारी जानकारियां रहती हैं। पर ईडी उसे आधार नहीं बना रही। सोहराय भवन, रांची के अलावा 2018-2022 की अवधि में हुए ट्रां जेक्शन का रिकॉर्ड भी मांगा गया था। यह भवन सीएम की धर्मपत्नी के नाम पर है। जब कहीं से कोई चीज नहीं बनी तो राजनीतिक इशारे पर सीएम को परेशान करने का खेल चल रहा। सब जानते हैं कि सीएम का प्रोग्राम कुछ जरूरी असाइनमेंट को छोड़ 1-3 माह तक का पूर्व से तय रहता है।
9 फरवरी से वित्तीय वर्ष 2024-25 का विधानसभा का बजट सत्र तय है। अभी ऐसे में ईडी के स्तर से पूछताछ के लिए इस तरह से किया जाना गैर वाजिब है। दूसरा संवैधानिक प्रक्रियाओं के निर्वहन में भी इससे सरकार को दिक्कत होती है। जानबूझकर अभी हौवा क्रिएट किया जा रहा है।

राज्यपाल किसी पार्टी के प्रवक्ता एमडी नहीं होते

मीडिया के सवालों पर सुप्रियो ने कहा कि राज्यपाल किसी पार्टी के प्रवक्ता एमडी नहीं होते। उन्हें अपनी चौहद्दियों का पता रहना चाहिये। राजनीतिक दलों की भी अपनी चौहद्दी होती है। राज्य में पिछले 2-3 दिनों से राजनीतिक परिस्थिति को जिस तरह से तेज किया जा रहा है, यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। मीडिया से भी उन्होंनेन्हों नेकहा कि यहां चुना हुआ शासन है। सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के आधार पर राज्य के माहौल को खराब ना होने दें। आधारहीन खबरें ना चले।