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लघु सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर को हाईकोर्ट से राहत, जानें क्या है मामला

झारखंड उच्च न्यायालय ने लघु सिंचाई विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता शिवाजी शर्मा को बड़ी राहत दी है। वर्ष 2002 में गिरिडीह जिले के कोदई बांध परियोजना के अंतर्गत नहर टूटने की घटना के बाद उनकी पेंशन में की गई 50% कटौती को लेकर राज्य सरकार की अपील को अदालत ने खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एम. एस. रामचंद्र राव के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के पूर्ववर्ती निर्णय को बरकरार रखते हुए सरकार की एलपीए (लेटर पेटेंट अपील) को खारिज कर दिया।

क्या है मामला
विवाद वर्ष 2002-03 में आरंभ हुई कोदई बांध परियोजना से जुड़ा है, जो गिरिडीह के लघु सिंचाई प्रमंडल के अंतर्गत थी। निर्माण के दौरान समय सीमा को घटा दिया गया और उसी बीच परियोजना की नहर क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके लिए तत्कालीन मुख्य अभियंता शिवाजी शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए 16 अप्रैल 2007 को सरकार ने सेवानिवृत्ति के बाद उनकी पेंशन में 50% कटौती का आदेश जारी किया था।

अदालत में चुनौती और फैसला
शिवाजी शर्मा ने इस फैसले को झारखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ में चुनौती दी थी। 28 अगस्त 2019 को एकल पीठ ने उन्हें राहत देते हुए आदेश दिया कि सरकार उनकी पूरी पेंशन राशि उन्हें दे। साथ ही, कटौती को अमान्य करार दिया गया। राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ खंडपीठ में अपील की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। इस फैसले के साथ शिवाजी शर्मा को न केवल न्याय मिला है बल्कि उन्हें अब पेंशन की पूरी राशि प्राप्त होगी।