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लातेहार में दो कुख्यात माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, झारखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता

झारखंड में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है। राज्य की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों के लगातार दबाव के कारण संगठन के दो सक्रिय सदस्यों ने मंगलवार को लातेहार में सरेंडर कर दिया।
अमरजीत उर्फ काली उर्फ सनी बृजिया और मिथिलेश उर्फ अखिलेश कोरवा ने लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव और सीआरपीएफ की 11वीं बटालियन के कमांडेंट यादराम बुनकर के समक्ष आत्मसमर्पण किया। दोनों माओवादी पहले कई इनामी नक्सली नेताओं के दस्तों से जुड़े रहे हैं, जिनमें 15 लाख के इनामी छोटू खरवार, 10 लाख के इनामी प्रदीप सिंह चेरो, नीरज सिंह खरवार और मृत्युंजय भुईयां उर्फ फ्रेश उर्फ अवधेश शामिल हैं।
ये दोनों उग्रवादी लातेहार, नेतरहाट, महुआडांड़, छिपादोहर, बूढ़ा पहाड़ और छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय थे और माओवादी गतिविधियों में अहम भूमिका निभा रहे थे।
पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने कहा, "अब भाकपा माओवादी संगठन बुरी तरह कमजोर हो चुका है। सुरक्षा बलों की रणनीति और दबाव से माओवादी संगठनों की कमर टूट रही है। कई बड़े माओवादी या तो मारे जा चुके हैं या सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। बाकी बचे उग्रवादियों की भी गिनती अब खत्म होने वाली है।"