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रिम्स में महिला जूनियर डॉक्टर से छेड़खानी, चार सदस्यीय जांच टीम गठित

रिम्स परिसर में एक महिला जूनियर चिकित्सक के साथ हुई छेड़खानी की घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रिम्स प्रशासन ने चार सदस्यों वाली जांच समिति का गठन किया है। प्रबंधन ने जानकारी दी है कि पीजी की कुछ छात्राओं ने शिकायत की है कि अस्पताल के तीसरे माले से हॉस्टल की ओर जाते वक्त एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके साथ अशोभनीय व्यवहार किया।

छात्राओं के मुताबिक, जिस वक्त यह घटना हुई, उस समय उस कॉरिडोर में कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। सुरक्षा की इस चूक के कारण यह शर्मनाक घटना घटित हो गई। रिम्स के निदेशक डॉ. राज कुमार के निर्देश पर अपर चिकित्सा अधीक्षक को इस पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर बरियातू थाने को सौंपने को कहा गया है। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस और जांच समिति संयुक्त रूप से करेगी पड़ताल
रिम्स प्रबंधन द्वारा गठित समिति घटना की तह तक जाएगी और यह भी तय करेगी कि किन-किन स्थानों पर सुरक्षा कर्मियों की जरूरत है। चिन्हित स्थानों पर शीघ्र ही सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। निदेशक ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि जिन सुरक्षा गार्डों ने ड्यूटी से गायब रहकर लापरवाही बरती, उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

'समिति रात के समय अनावश्यक प्रवेश द्वार को बंद करेगी और एक ही प्रवेश और निकास द्वार चिह्नित करने का काम भी करेगी. इसके अलावा समिति सुरक्षा की दृष्टि से पूरे इंडोर परिसर में आवश्कतानुसार CCTV कैमरा लगाने की आवश्यकता का भी आकलन करेगी. समिति द्वारा हॉस्टल परिसर में घूमकर वहां की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने पर भी अपना प्रतिवेदन समर्पित करेगी'. -डॉ. राज कुमार, रिम्स निदेशक