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26/11 हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 13 अगस्त तक बढ़ी, NIA ने दाखिल की नई चार्जशीट

दिल्ली स्थित एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की विशेष अदालत ने बुधवार को 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की न्यायिक हिरासत को 13 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। इसी के साथ एनआईए ने उसके खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की है, जिस पर अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।

यह राणा के खिलाफ दूसरी चार्जशीट है। पहली चार्जशीट वर्ष 2011 में दाखिल की गई थी, जिसमें उसे डेविड हेडली और अन्य आतंकियों के साथ हमले का षड्यंत्रकारी बताया गया था।

एनआईए पूछताछ में राणा ने किए बड़े खुलासे
हाल ही में 7 जुलाई को एनआईए की पूछताछ के दौरान राणा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने स्वीकार किया कि 26/11 हमले के दौरान वह मुंबई में ही मौजूद था और उसने इस हमले में सक्रिय भूमिका निभाई। साथ ही उसने यह भी कबूल किया कि वह पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट है।

राणा ने पूछताछ में बताया कि उसने डेविड हेडली के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा के कई प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लिया था। उसने बताया कि लश्कर केवल आतंकी संगठन ही नहीं, बल्कि एक जासूसी नेटवर्क की तरह भी काम करता है।

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच भी राणा को अपनी हिरासत में लेने की प्रक्रिया में जुट गई है। अभी वह एनआईए की न्यायिक हिरासत में है। 9 जुलाई को दिल्ली की अदालत ने उसकी हिरासत को 13 अगस्त तक के लिए आगे बढ़ा दिया है।

इमिग्रेशन सेंटर के नाम पर बनाया आतंकी अड्डा
राणा ने स्वीकार किया कि उसने मुंबई में अपनी इमिग्रेशन सर्विस कंपनी के नाम पर एक सेंटर शुरू किया, जिसका मकसद हमले की योजना को आगे बढ़ाना था। उस सेंटर के जरिए की गई गतिविधियों को व्यापारिक खर्चों में दिखाया गया। इतना ही नहीं, उसने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसी जगहों की खुद जाकर रेकी भी की थी।

एनआईए की जांच में राणा ने माना कि वह 26/11 साजिश से जुड़े पाकिस्तानी अधिकारियों — साजिद मीर, अब्दुल रहमान पाशा और मेजर इकबाल — को जानता था। इन सबके साथ राणा की गहरी संलिप्तता थी। राणा ने बताया कि 26/11 का पूरा हमला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से अंजाम दिया गया था। उसने खुद यह स्वीकार किया कि खाड़ी युद्ध के समय उसे पाक सेना ने सऊदी अरब में तैनात किया था।

तहव्वुर राणा का प्रोफाइल
64 वर्षीय तहव्वुर राणा मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है, लेकिन अब वह कनाडा का नागरिक है। पहले वह पाकिस्तानी सेना में एक डॉक्टर था, फिर 1997 में कनाडा जाकर इमिग्रेशन सेवाओं का व्यवसाय शुरू किया। बाद में वह अमेरिका चला गया और वहां ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ नाम से कंसल्टेंसी फर्म शुरू की। वह कई देशों — पाकिस्तान, कनाडा, अमेरिका, जर्मनी और इंग्लैंड — की यात्राएं कर चुका है और सात भाषाओं का जानकार है।

हेडली का साथी और हमले का सह-साजिशकर्ता
डेविड हेडली, जिसे 26/11 हमलों का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता है, राणा का करीबी दोस्त था। राणा जानता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है और इसके बावजूद वह उसकी आर्थिक और लॉजिस्टिक मदद करता रहा। उसे हमले की योजना, शामिल लोगों और लक्षित स्थानों की पूरी जानकारी थी।

अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया
राणा को अमेरिका की एफबीआई ने अक्टूबर 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था। लश्कर का समर्थन करने के आरोप में वह अमेरिका में दोषी ठहराया गया था। वर्षों तक लॉस एंजिलिस के डिटेंशन सेंटर में रहने के बाद 10 अप्रैल 2025 को उसे भारत लाया गया।