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BREAKING : पहलगाम हमले के बाद चरम पर भारत-पाक तनाव, पाकिस्तान ने शिमला समझौता रद्द कर सभी द्विपक्षीय समझौते किए स्थगित

 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए कड़े फैसलों के जवाब में पाकिस्तान ने भी बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक में भारत-पाक के बीच सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करने और 1972 के ऐतिहासिक शिमला समझौते को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।

यह बैठक भारत में बुधवार रात हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक के बाद बुलाई गई। भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि को रोकने, अटारी चेक पोस्ट बंद करने, वीजा प्रक्रिया स्थगित करने, और दोनों देशों के सैन्य उच्चायुक्तों को हटाने जैसे पांच सख्त निर्णय लिए थे। साथ ही पाकिस्तान ने कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि को रोकेगा, तो उसे जंग की कार्रवाई (Act of War) के तौर पर देखा जाएगा। इसके आलावा पाकिस्तान ने SAARC SVE वीजा व्यवस्था को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अब सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर सभी भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है। NSC के फैसलों में भारत के साथ सभी व्यापार को रोकने, भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को बंद करने, और वाघा बॉर्डर को बंद करने का निर्णय भी शामिल है।

क्या है शिमला समझौता?
शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को हुआ था। यह समझौता भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ था। यह करार 1971 के युद्ध के बाद हुआ था, जिसमें पाकिस्तान को करारी हार मिली थी और उसके 90,000 से ज्यादा सैनिक भारतीय सेना के कब्जे में थे। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण समाधान और कूटनीतिक संवाद को प्राथमिकता देना था, जिसे अब पाकिस्तान ने खत्म कर दिया है।