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चंद्रयान-3 ने भेजा चंदा मामा का एक नया वीडियो, कल शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंड करेगा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर एक बड़ी अपडेट दी है और चंदा मामा का एक नया वीडियो साझा की है। इसरो ने कहा है कि सब कुछ अच्छा चल रहा है और हमलोग इसे निर्धारित समय पर ही लैंड कराएंगे। बता दें कि इसरो की तरफ से 23 अगस्त को चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर लैंड कराने की तैयारी है। अगर यह सफलतापूर्वक लैंड कर जाता है तो यह भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान को लैंड कराने वाला पहला देश बन जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यहां ‘इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) में स्थित ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में उत्साह का माहौल है.इसरो ने चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन की आज दोपहर को ताजा जानकारी देते हुए कहा कि ‘मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है. प्रणालियों की नियमित जांच की जा रही है। सुचारू संचालन जारी है.’

भारत का मून मिशन यानी चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय पर यानी शाम 6:04 बजे ही चंद्रमा पर लैंड करेगा। मंगलवार (22 अगस्त) को ISRO ने मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि सभी सिस्टम्स को समय-समय पर चेक किया जा रहा है। ये सभी सही तरह से काम कर रहे हैं।

इसके साथ ही इसरो ने चांद की नई तस्वीरें शेयर की हैं, जो चंद्रयान-3 ने क्लिक की हैं। चंद्रयान ने 70 किमी की दूरी से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (LPDC) की मदद से चांद से ये तस्वीरें खींचीं हैं। चंद्रयान-3 फिलहाल चांद पर लैंडिंग के लिए सटीक जगह खोज रहा है। इसे 25KM की ऊंचाई से लैंड किया जाएगा।

 

 

खौफ के 15 मिनिट्स

चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से17 मिनट लगेंगे। इस ड्यूरेशन को '15 मिनिट्स ऑफ टेरर' यानी 'खौफ के 15 मिनिट्स' कहा जाता है। अगर भारत का चंद्रयान-3 मिशन सक्सेसफुल होता है तो वो चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी। चंद्रयान का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा हुआ था। इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किमी और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है। डीबूस्टिंग में स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को धीमा किया जाता है।