संविधान क्लब बना सामाजिक योजनाओं की समीक्षा और समन्वय का मंच, सिद्धेश्वरी सेवा फाउंडेशन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साझा पहल

नई दिल्ली के संविधान क्लब में आज सामाजिक समर्पण और जनकल्याण की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया। यह बैठक सिद्धेश्वरी सेवा फाउंडेशन की संस्थापक एवं प्रख्यात समाजसेवी सविता पाण्डेय, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सक्रिय स्वयंसेवक भी हैं, के नेतृत्व में आयोजित की गई। इस मौके पर राजधानी में सक्रिय कई प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और समाज के संवेदनशील मुद्दों पर विस्तार से मंथन किया।
बैठक का उद्देश्य न केवल वर्तमान में चल रही सरकारी योजनाओं की समीक्षा करना था, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी था कि इन योजनाओं का लाभ समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद तबकों तक समय पर और प्रभावी तरीके से पहुंच सके।
महिलाओं और बच्चों पर रहा विशेष फोकस
बैठक में महिलाओं के स्वावलंबन, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे विषयों पर गहराई से विचार-विमर्श हुआ। सविता पाण्डेय ने कहा, "नीतियां तब ही कारगर होंगी जब उनका क्रियान्वयन धरातल पर उतरे। स्वयंसेवी संस्थाएं यदि सरकार के साथ मिलकर काम करें तो हम असल बदलाव ला सकते हैं।"
उन्होंने विशेष रूप से यह रेखांकित किया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली योजनाओं और बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी पहलों को प्राथमिकता के साथ लागू किया जाना चाहिए।

एनजीओ प्रतिनिधियों ने साझा किए अनुभव
बैठक में मोहित माधव ने सविता पाण्डेय की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं और स्वयंसेवी संगठनों के बीच एक बेहतर संवाद-सेतु का निर्माण जरूरी है। "यदि दोनों पक्ष मिलकर नियमित रूप से संवाद करें तो हम योजना निर्माण से लेकर लाभ वितरण तक की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और असरदार बना सकते हैं," उन्होंने कहा।
बाला जी सेवा संस्थान और आदर्श शिक्षा संस्थान के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार वे अपने क्षेत्रों में योजनाओं को जमीन पर उतारने में जुटे हैं।
बैठक में जिन प्रमुख विषयों पर गहन चर्चा हुई, उनमें शामिल थे:
-सरकारी स्कूलों में सेनेटरी नैपकिन वितरण योजना का कार्यान्वयन और उसकी चुनौतियाँ।
-महिलाओं के लिए स्वरोजगार एवं कौशल विकास कार्यक्रमों की समीक्षा और विस्तार की संभावनाएं।
-शहरी स्लम क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की रणनीति और एनजीओ की भागीदारी।
-बाल पोषण और शिक्षा अभियानों की प्रगति और इन्हें और अधिक असरदार बनाने की योजनाएं।
भविष्य की रूपरेखा
बैठक के अंत में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि ऐसे समन्वय बैठकों का आयोजन भविष्य में भी नियमित रूप से किया जाएगा। इन बैठकों के माध्यम से एनजीओ और सरकारी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल कायम होगा, जिससे योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक बिना किसी बाधा के पहुंचाया जा सकेगा।
सविता पाण्डेय ने इस सामूहिक प्रयास को "समाजसेवा का एक सकारात्मक मोड़" बताते हुए कहा, "यह पहल न केवल योजनाओं को गति देगी बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत बनाएगी।"