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सरकारी शिक्षक बनते ही बदल गयी मास्टर साहब की नीयत, दहेज मांगना पड़ा महंगा, खतरे में नौकरी

दहेज लेना और देना, दोनों ही कानूनन अपराध हैं, बावजूद इसके आज भी यह सामाजिक बुराई पूरी ताकत से कायम है। खासतौर पर जब बात सरकारी नौकरी की हो, तो लड़के वालों की मांगें आसमान छूने लगती हैं। बिहार में बीपीएससी के माध्यम से बहाल शिक्षकों की बढ़ती मांग ने दहेज प्रथा को और गहरा कर दिया है।

दरभंगा में सामने आया नया मामला
दरभंगा जिले में एक बीपीएससी शिक्षक पर शादी के लिए दहेज की मोटी रकम मांगने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। शिक्षक की पहचान राजा कुमार चौपाल के रूप में हुई है, जो बहेड़ी प्रखंड के एक विद्यालय में कार्यरत हैं।

सरकारी शिक्षक बनते ही बदल गयी मास्टर साहब की नीयत, दहेज मांगना पड़ा महंगा, खतरे में नौकरी 

समस्तीपुर से हुई शिकायत
समस्तीपुर जिले के मथुरापुर थाना क्षेत्र निवासी मुकेश भास्कर ने 8 मई को दरभंगा जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर बताया कि उनकी बेटी की शादी दरभंगा के केवटी क्षेत्र के कसलरैणी निवासी राजा चौपाल से तय हुई थी। उस वक्त लड़का एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। जैसे ही राजा चौपाल को बीपीएससी शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिली, उसने शादी के लिए बड़ी रकम दहेज में मांगनी शुरू कर दी। इस मांग को लेकर लड़की के पिता ने शिक्षा विभाग से शिकायत की।


जांच के आदेश, एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश
शिकायत मिलते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के.एन. सदा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केवटी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट जिला मुख्यालय को सौंपी जाए।


दहेज प्रथा पर सरकार की सख्ती बेअसर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दहेज प्रथा के खिलाफ कई अभियान चलाए हैं। बावजूद इसके दहेज को लेकर लोगों में पर्याप्त जागरूकता नहीं दिख रही है। हर रोज ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जहां दहेज के कारण महिलाएं आत्महत्या करती हैं या उनकी हत्या कर दी जाती है।

"शादी कि सभी प्राथमिकता पूरी होने के बाद लड़का पक्ष मनमाने ढंग से दान दहेज की मांग कर रहा है. हमलोगों कि तरफ से बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन लड़के वाले नहीं मान रहें हैं. चार महीने तक मुझे भरोसा में रखकर मांग पूरी नहीं होने पर शादी से इनकार कर दिया. इससे मेरे परिवार का समाज में समाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई है." -मुकेश कुमार, लड़की के पिता