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केजरीवाल के आवास पर लगातार दूसरे दिन पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम

सीएम ऑफिस नोटिस लेने के लिए तैयार है, लेकिन क्राइम ब्रांच के अधिकारी उन्हें रिसीविंग नहीं दे रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर आज दोबारा दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम पहुंची है। AAP विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में दिल्ली पुलिस केजरीवाल को नोटिस देगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएम ऑफिस नोटिस लेने के लिए तैयार है, लेकिन क्राइम ब्रांच के अधिकारी उन्हें रिसीविंग नहीं दे रहे हैं। क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार (2 फरवरी) को भी केजरीवाल और मंत्री आतिशी को नोटिस देने गई थी। हालांकि, दोनों अपने आवास पर नहीं थे, जिसके कारण पुलिस बिना नोटिस दिए लौट गई। CMO ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस बिना नोटिस दिए ही चली गई थी।

केजरीवाल ने 27 जनवरी को आरोप लगाया था कि भाजपा ने AAP के सात विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए 25-25 करोड़ रुपए की पेशकश की है। साथ ही केजरीवाल सरकार को गिराने की धमकी भी दी है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने केजरीवाल से सबूत देने को कहा है। पुलिस केजरीवाल के बयान लेना चाहती है।

 दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत, आप के आरोपों की जांच हो
अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को यह नोटिस जांच में शामिल होने के लिए दिया जा रहा है। दरअसल कुछ दिनों पहले दिल्ली भाजपा इकाई ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को एक शिकायत सौंपी और उनसे आप के आरोपों की जांच करने को कहा।

 ‌BJP बोली- आरोप लगाकर भाग नहीं सकते
शुक्रवार को जब केजरीवाल ने नोटिस नहीं स्वीकार किया तब दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा बोले, 'हमने कहा था कि केजरीवाल सनसनी पैदा करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। केजरीवाल के झूठ के पीछे का सच अब उजागर होने वाला है। वह जांच से नहीं भाग सकते। उन्हें जांच का सामना करना पड़ेगा।'

आप ने आरोप लगाया, मगर सबूत नहीं दिखाया
सचदेवा के नेतृत्व में दिल्ली भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल 30 जनवरी को शहर के पुलिस प्रमुख से मिला था और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोपों की जांच की मांग की थी। यहां पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात के बाद सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल से अपने आरोप साबित करने के लिए कहा गया था लेकिन आप की ओर से कोई भी सबूत के साथ आगे नहीं आया है। सचदेवा ने कहा था कि इससे पता चलता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार थे।