Economic Survey 2024 : जीडीपी ग्रोथ और वित्तीय सेक्टर के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का आर्थिक सर्वे पेश किया। इसमें भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद जताई गई है। सर्वे में देश के वित्तीय क्षेत्र के भविष्य को उज्ज्वल बताया गया है। पेश है आर्थिक सर्वे 2024 की 10 मुख्य बातें:
1. जीडीपी ग्रोथ रेट: वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2. भू-राजनीतिक तनाव: सर्वे के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव और उसका प्रभाव आरबीआई की मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकता है।
3. नौकरियों की आवश्यकता: 2030 तक हर साल 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है ताकि ग्रोथ रेट और सामाजिक समावेशन को बनाए रखा जा सके।
4. निजी निवेश: कंपनियों और बैंकों की मजबूत बैलेंस शीट से निजी निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
5. एफडीआई निवेश: चीन से एफडीआई निवेश बढ़ने से भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में भागीदारी और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
6. रेमिटेंस: 2024 के दौरान विदेश में बसे भारतीयों ने देश में 124 अरब डॉलर का रेमिटेंस भेजा है। 2025 में इसके 129 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
7. जंक फूड की चिंता: सर्वे में बताया गया कि करीब 54 प्रतिशत बीमारियां जंक फूड के कारण होती हैं, इसलिए खाने की आदतों में बदलाव की जरूरत है।
8. कैपिटल मार्केट की भूमिका: भारत की ग्रोथ स्टोरी में कैपिटल मार्केट प्रमुख भूमिका निभा रहा है। देसी स्टॉक मार्केट वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों के बीच जुझारू बना हुआ है।
9. वित्तीय क्षेत्र में बदलाव: देश के वित्तीय सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है, और इसे वैश्विक या स्थानीय स्तर पर उत्पन्न होने वाली संभावित कमजोरियों के लिए तैयार रहना चाहिए।
10. महंगाई पर अनुमान: मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद और आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं की वैश्विक कीमतों में नरमी से महंगाई को लेकर आरबीआई और आईएमएफ के अनुमान सही प्रतीत होते हैं। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।
इस आर्थिक सर्वे ने देश की आर्थिक स्थिति पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें संभावनाओं और चुनौतियों दोनों को रेखांकित किया गया है।