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गोवा, पंजाब समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव भारत में कोरोना की 'सुनामी' ला सकता है: डॉ. नारायण

चाहे आपने कोई भी वैक्सीन ली हो, इस वायरस में उसे बायपास करने की ताकत है. इस हिसाब से मुझे लगता है कि भारत में अगले तीन से चार हफ्तों में केस बहुत तेजी से बढ़ेंगे। हर रोज 3 से 4 लाख तक केस आ सकते हैं.  
 

" गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव देश में कोरोना की सुनामी ला सकते हैं, क्योंकि ओमिक्रॉन में तीन डोज ले चुके लोग भी संक्रमण का शिकार बन रहे हैं। यूके में तो 62% आबादी को बूस्टर डोज लग चुका है, फिर भी हर रोज करीब डेढ़ लाख केस आ रहे हैं। करीब 20 हजार लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ रहा है। इसलिए आगामी पांच राज्यों में होने वाले चुनाव कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। " 

यह कहना है ब्रिटेन स्थित ग्लोबल हेल्थ अलायंस के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. रजय नारायण का। ओमिक्रॉन को लेकर डॉ. नारायण ने कई अहम सवालों पर जानकारी दी है। एक हिंदी अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में डॉ. नारायण से जब पूछा गया कि भारत में लगातार तीसरे दिन डेढ़ लाख से ज्यादा कोरोना केस आए हैं। यह आंकड़ा कितना बढ़ सकता है और तीसरी लहर का पीक कब आएगा? उन्होंने इसके जवाब में कहा कि आप ब्रिटेन की स्थिति से भारत का अंदाजा लगाइए। यहां 95% लोगों को फर्स्ट डोज, 82% को सेकंड डोज और 62% को बूस्टर डोज लग चुका है, इसके बावजूद हर रोज डेढ़ से दो लाख केस आ रहे हैं, क्योंकि ओमिक्रॉन इम्यून सिस्टम को धोखा देकर इंफेक्ट कर देता है। चाहे आपने कोई भी वैक्सीन ली हो, इस वायरस में उसे बायपास करने की ताकत है। इस हिसाब से मुझे लगता है कि भारत में अगले तीन से चार हफ्तों में केस बहुत तेजी से बढ़ेंगे। हर रोज 3 से 4 लाख तक केस आ सकते हैं। फरवरी के दूसरे हफ्ते तक पीक आ सकता है।

वहीं ओमिक्रोन कितना घातक है इसके बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों को तीनों डोज लग चुके हैं वह भी संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे लोग जिन्हें पहले कोविड हो गया वह भी इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि ओमिक्रोन कोरोना के अबतक के वैरिएंट में ज्यादा मजबूत और लोगों के लिए घातक है। दुनिया की कोई भी वैक्सीन सिर्फ 70 से 75 परसेंट प्रोटेक्शन ही दे पाती है। 25 परसेंट का रिस्क तो हमेशा होता ही है। डॉक्टर ने कहा कि यह जरूर है कि, ओमिक्रॉन में माइल्ड इंफेक्शन हो रहा है, लेकिन किसकी बॉडी में जाकर यह कैसा रिएक्शन करेगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। कई युवा भी इससे गंभीर बीमार हो रहे हैं। ऐसे में इसे हल्के में लेना बिल्कुल सही नहीं है। वहीं हॉस्पिटल में भर्ती होने की बात पर डॉ. नारायण ने कहा कि तीन महीने पहले यूके में दो से ढाई हजार लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ रहा था अब यह आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच गया है। बुजुर्गों को खासतौर पर अलर्ट रहने की जरूरत है।

बुजुर्ग लोग कोविड-19 के साये में
बुजुर्ग लोग कोविड-19 के साये में 

भारत के पांच राज्यों में फरवरी में चुनाव होने जा रहे हैं, इससे हालात बिगड़ेगी या नहीं इस पर डॉ. नारायण ने कहा कि चुनाव को यदि कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया जाता तो बहुत अच्छा होता। यूके में तो फुटबॉल मैच तक रद्द कर दिए गए हैं, जो यहां बहुत ज्यादा पॉपुलर हैं। भारत के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव देश में कोरोना की सुनामी ला सकते हैं। यहां आपको बता दें कि प्रीमियर लीग ने बीते साल दिसंबर महीने में चार मैचों को स्थगित कर दिया था क्योंकि कोरोनोवायरस का संकट तेजी से पैर पसार रहा है। रजय नारायण ने यह भी माना कि चुनावी कार्यक्रमों में युवा वर्ग ज्यादा शामिल होता है, जिन्हें इंफेक्शन का ज्यादा खतरा नहीं होता, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब ऐसे लोग अपने घरों में जाएंगे तो मां-बाप, दादा-दादी के लिए खतरा बनेंगे। ऐसे में बड़ी रैलियां तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए। 20 लोगों की भीड़ ही बहुत तेज स्पीड से वायरस को फैला सकती है।

कोविड सुई
कोविड-19 टीकाकरण 

उन्होंने आगे कहा कि साल 2022 में और भी नए वैरिएंट्स आ सकते हैं। इस पूरे साल यह सिलसिला जारी रह सकता है। उन्होंने अपनी बात की पुष्टि के लिए ओमिक्रॉन का हवाला देते हुए कहा कि ओमिक्रोन के पहले ही हमें लग रहा था कि सब कुछ नॉर्मल हो गया, लेकिन देखते ही देखते हालात एक बार फिर लॉकडाउन जैसे हो गए हैं। कोई भी महामारी दो से चार साल तक अपना असर दिखाती है। फिर खत्म हो जाती है। कोरोना के मामले में यह भी हो सकता है कि हमें हर साल इसका एक बार डोज लेना पड़े। ओमिक्रॉन के खिलाफ सबसे इफेक्टिव वैक्सीन के बारे में बताते हुए डॉक्टर ने कहा कि कोवीशील्ड को लेकर एक स्टडी आई है। इसमें बताया गया है कि जिन लोगों ने बूस्टर डोज ले लिया है वह 80 से 90% तक ओमिक्रॉन से सुरक्षित हो चुके हैं। यह एक अच्छी बात है। हालांकि, अभी कई वैक्सीन पर रिसर्च चल रही है। अगले कुछ हफ्तों में ही नए बदलाव के साथ वैक्सीन मार्केट में आना शुरू हो जाएंगी। अभी हमे बचने के लिए सभी लोगों को फुली वैक्सीनेटेड करना चाहिए और बूस्टर डोज की स्पीड बढ़ाना चाहिए।

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बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा हो चुकी है। चुनाव आयोग ने 10 फरवरी से चुनाव की घोषणा की है। इसमें यूपी में सात चरणों, मणिपुर में दो चरणों में चुनाव होंगे। इसके अलावा पंजाब, गोवा और उत्तराखंड  में एक एक चरण में चुनाव होंगे। इस घोषणा के साथ ही सरकारों, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस बार 18.3 करोड़ मतदाता चुनाव में मतदान करेंगे। वहीं इस बार इन पांच राज्यों में सख्त कोरोना प्रोटोकॉल के साये में विधानसभा चुनाव होंगे।

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