भारतीय सेना को जल्द मिलेगी 'देशी बोफोर्स', रक्षा मंत्रालय ने 6900 करोड़ की ATAGS डील को दी मंजूरी

भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 6900 करोड़ रुपये की एक महत्वपूर्ण डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत 307 एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) यानी आधुनिक हॉवित्जर तोपों की खरीद की जाएगी। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में पूरी तरह स्वदेशी तोपों का अधिग्रहण किया जा रहा है।
यह रक्षा सौदा भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ किया गया है। निर्माण की जिम्मेदारी दोनों कंपनियों के बीच बांटी गई है, जहां भारत फोर्ज 60% तोपों का उत्पादन करेगी, जबकि शेष 40% निर्माण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा किया जाएगा।
ATAGS: स्वदेशी ताकत का प्रतीक
एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) एक टोव्ड आर्टिलरी गन है, जिसे ट्रक द्वारा खींचकर युद्धक्षेत्र में ले जाया जाता है। यह आधुनिक तोप 155MM कैलिबर की है, जिससे उच्च क्षमता वाले गोले दागे जा सकते हैं। खास बात यह है कि यह गोला दागने के बाद कुछ दूरी तक खुद भी आगे बढ़ सकती है, जिससे इसे युद्ध के दौरान अधिक प्रभावी बनाया गया है।

हॉवित्जर: हल्की लेकिन घातक तोप
ATAGS को हॉवित्जर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है हल्की लेकिन शक्तिशाली तोप। पहले युद्धों में भारी तोपों का इस्तेमाल होता था, जिन्हें ऊंचाई पर ले जाना कठिन होता था। इस समस्या को हल करने के लिए हल्की और तेजी से मूव करने वाली हॉवित्जर तोपों को विकसित किया गया। यही कारण है कि ATAGS को "देशी बोफोर्स" भी कहा जाता है।
स्वदेशी तकनीक से बनी शक्तिशाली तोप
DRDO की पुणे स्थित प्रयोगशाला ARDE ने भारत फोर्ज, महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम, टाटा पावर स्ट्रैटजिक और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के सहयोग से इस तोप को विकसित किया है। 2013 में इसका विकास कार्य शुरू हुआ था और 14 जुलाई 2016 को इसका पहला सफल परीक्षण किया गया था।
हाल ही में सेना की बढ़ती ताकत के लिए हुई अन्य डील्स
दिसंबर 2023: सरकार ने 7,629 करोड़ रुपये की लागत से 100 K-9 वज्र-T सेल्फ-प्रोपेल्ड गन खरीदने के लिए L&T और दक्षिण कोरिया की हानव्हा डिफेंस के साथ समझौता किया।
फरवरी 2024: 10,147 करोड़ रुपये की लागत से 45 किमी रेंज वाले हाई-एक्सप्लोसिव रॉकेट्स और 37 किमी रेंज वाले एरिया डिनायल म्यूनिशन की डील की गई, जिससे पिनाका मल्टी-लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता में इजाफा होगा।