केरल में तय समय से आठ दिन पहले ही मानसून ने दी दस्तक

देश में इस बार मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है। आमतौर पर केरल में मानसून 1 जून को पहुंचता है, लेकिन इस बार 23 मई को ही बारिश ने अपनी आमद दर्ज करा दी। यह पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी शुरू हुआ मानसून है।
केरल में लगातार दो दिनों से जोरदार बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह बदलाव मानसूनी हवाओं की सक्रियता और बनते कम दबाव वाले क्षेत्र का परिणाम है। अगले कुछ दिनों तक केरल, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके साथ ही 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
अरब सागर के पूर्व-मध्य क्षेत्र में एक और नया सिस्टम बन रहा है, जिसका प्रभाव महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों, विशेषकर रत्नागिरी और दापोली के बीच देखा जा सकता है।
राज्यवार चेतावनी और संभावित प्रभाव
- महाराष्ट्र: मुंबई समेत अन्य तटीय जिलों में रेड अलर्ट, तेज हवाएं और बिजली गिरने की आशंका।
- गोवा: रविवार तक मूसलधार बारिश, कई क्षेत्रों में जलजमाव की संभावना।
- दिल्ली-NCR: ऑरेंज अलर्ट जारी, 70 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
- झारखंड: गरज के साथ हल्की बारिश और सामान्य से कम तापमान, 29 मई तक वर्षा संभावित।
- तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश: कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी और गरज-चमक के साथ वर्षा।
क्या पूरे भारत में जल्दी आ जाएगा मानसून?
विशेषज्ञों के अनुसार, केरल में मानसून की जल्द शुरुआत का यह अर्थ नहीं है कि पूरे देश में भी मानसून तय समय से पहले पहुंचेगा। आमतौर पर 1 जून से 8 जुलाई के बीच मानसून देशभर में फैलता है और 17 सितंबर से लौटना शुरू करता है। इस बार मानसून की रफ्तार और प्रभाव को लेकर निगाहें मौसम विभाग की चेतावनियों और सिस्टम के बदलते स्वरूप पर टिकी हैं।
