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मुहर्रम गम जाहिर करने का त्यौहार है : अनीस अब्बासी

मुस्लिम समुदाय का ऐतिहासिक पर्व मुहर्रम की तैयारियां देश भर में जोरों शोरों से चल रही हैं। इसी संदर्भ में भाजपा दिल्ली प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनीस अब्बासी ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करते हुवे कहा है की मुहर्रम का त्यौहार गम जाहिर करने का त्यौहार है और अकीकदमंद इसे बहुत ही सौहार्द से मनाते हैं। अन्य जानकारी देते हुये अब्बासी ने कहा कि मुहर्रम का त्यौहार इस्लामिक मान्यता के मुताबिक सन 61 हिजरी (680 ईस्वी) में इराक के कर्बला में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे। तब से ही इस इस दिन को गमी के रूप में मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि इस महीने में मुसलमान खास तौर पर शिया मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं. इमाम हुसैन कर्बला के मैदान में अपने साथियों के साथ शहीद हो गए थे. मुहर्रम के महीने को लेकर शिया और सुन्नी समुदाय, दोनों की मान्यताएं अलग-अलग हैं. जहां शिया समुदाय के लोग मजलिस (इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र) करते हैं और ताजिया जुलूस निकालते हैं. वहीं सुन्नी लोग मुहर्रम की 9 और 10 तारीख को रोजा रखते हैं. वैसे इस महीने मुसलमानों के लिए रोजा रखना फर्ज नहीं होता है. हालांकि सुन्नत के तौर पर मुस्लिम ये रोजा रख सकते हैं, वहीं शिया समुदाय के लोग इस पूरे महीने मातम मनाते हैं और काले कपड़े पहनते हैं।

इस दौरान अनीस अब्बासी ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वो देश में सुख-शांति बनाए रहने में प्रशासन का भी सहयोग करें और जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, उनका पालन भी अवश्य करें।