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नागरिकता संशोधन अधिनियम पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ओवैसी

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के मुद्दे को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। अदालत में याचिका दायर करते हुए ओवैसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन पर जल्द से जल्द रोक लगाने की मांग की है। साथ ही ओवैसी ने NRC के मुद्दे को भी कोर्ट में उठाया। ओवैसी का कहना है कि CAA का NRC के साथ गलत गठजोड़ है। NRC के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है।

याचिका में असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?
याचिका में ओवैसी ने कहा कि कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6B के तहत नागरिकता का दर्जा देने की मांग करने वाले किसी भी आवेदन पर सरकार द्वारा विचार या कार्रवाई नहीं की जाए। सीएए को अधिसूचित किये जाने के बाद ओवैसी ने कहा था कि धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनाया जा सकता और इसपर सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय भी हैं। उन्‍होंने कहा, "यह समानता के अधिकार के खिलाफ है। आप प्रत्येक धर्म के लोगों को नागरिकता की अनुमति दे रहे हैं, लेकिन इस्लाम धर्म के लोगों को यह नहीं दे रहे हैं।"

केंद्र ने वेबसाइट और मोबाइल एप किया लॉन्च
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को सीएए के नियमों को अधिसूचित किया। यह कानून 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया है। इसके लिए सरकार की ओर से वेबसाइट भी लॉन्च कर दी गई है और इसके आवेदन के लिए केंद्र की ओर से मोबाइल एप भी लॉन्च कर दिया गया है।