प्रयागराज : चोर ने चोरी की हुई मूर्तियां लौटाईं, माफी के साथ छोड़ा खत
प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम स्थित गऊघाट आश्रम के खालसा मंदिर से 24 सितंबर को 150 साल पुरानी अष्टधातु की राधा-कृष्ण की मूर्तियां चोरी हो गई थीं। घटना के 8 दिन बाद सोमवार की रात, चोर मूर्तियों को वापस मंदिर में छोड़ गया और साथ में एक चिट्ठी भी रखी, जिसमें उसने अपनी गलती की माफी मांगी।
चिट्ठी में चोर ने लिखा, "महाराज जी, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। अज्ञानवश राधा-कृष्ण की मूर्तियां चुरा लीं। इसके बाद से मेरे बेटे की तबियत खराब हो गई और मुझे बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं। थोड़े पैसों के लिए यह गंदा काम किया, और मूर्तियों को बेचने के लिए उनसे छेड़छाड़ भी की। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। मूर्तियों को वापस मंदिर में रख रहा हूं। अब आगे से कभी चोरी नहीं करूंगा, चाहे भूखे ही सोना पड़े।"
FIR दर्ज, जनता का विरोध
चोर ने मंदिर का 100 साल पुराना ताला तोड़कर मूर्तियों को चुराया था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इस घटना का विरोध किया और पुलिस से मूर्तियों की जल्द बरामदगी की मांग की। मंदिर के महंत जयराम दास ने इस मामले की शिकायत नवाबगंज थाने में दर्ज कराई थी, जिसके बाद से पुलिस चोर की तलाश कर रही थी। सोमवार की रात, चोर ने मूर्तियों को मंदिर से 200 मीटर दूर रख दिया। अगली सुबह राहगीरों ने मूर्तियों को देखा और इसकी सूचना मंदिर के महंत को दी। महंत को मूर्तियों के साथ एक चिट्ठी भी मिली, जिसमें चोर ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी और कहा कि उसने मूर्तियों की पहचान छिपाने के लिए उन पर पॉलिश कराई। उसने महंत से मूर्तियों को फिर से मंदिर में स्थापित करने की अपील की।
महंत ने चोर को किया माफ
मूर्तियों को वापस मिलने के बाद महंत ने विधि-विधान से पूजा की और उन्हें पुनः मंदिर में स्थापित कर दिया। महंत ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वह चोर को माफ कर रहे हैं और मामले में अब कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते। नवाबगंज थाना प्रभारी अनिल मिश्र ने कहा कि मूर्तियां मिल चुकी हैं और अगर मंदिर पक्ष कोई कार्रवाई नहीं चाहता, तो केस बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, पुलिस अब भी यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह चोर कौन था, क्योंकि केस बंद करने के लिए उसकी जानकारी दर्ज करनी होगी।