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हाथ मिलाया, गले मिले और फिर साथ में चाय भी पी, ऑस्ट्रेलियाई PM के साथ कुछ ऐसा रहा PM Modi का अंदाज

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बानीज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले बृहस्पतिवार सुबह अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम पहुंच मैच का लुत्‍फ उठाते नज़र आये. पीएम मोदी और एंथनी अल्बनीज इस दौरान स्टेडियम में एक दूसरे के साथ सेल्फी लेते दिखे. ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने ट्वीट कर लिखा कि हमने पीएम मोदी के साथ अहमदाबाद में क्रिकेट के जरिए अपनी दोस्ती के साथ 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया.पीएम मोदी और अल्बनीज स्टेडियमें एक दूसरे के साथ चाय पीते हुए भी दिखे, इस दौरान दोनों नेताओं में परस्पर सामंजस्यता और मित्रतापूर्ण व्यवहार देखने को मिला.

प्रधानमंत्री ने अल्बनीज को नरेन्द्र मोदी स्टेडियम दिखाया. मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने एक गोल्फ कार्ट (गोल्फ खिलाड़ियों को गोल्फ कोर्स ले जाने के लिए तैयार छोटा मोटर वाहन) के जरिये पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया.

पीएम मोदी और एंथनी अल्बनीज ने अपने-अपने देश की क्रिकेट टीम के कप्तानों रोहित शर्मा और स्टीव स्मिथ को टेस्ट कैप सौंपी. टेस्ट मैच देखने के लिए दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में पहुंचे हजारों क्रिकेट प्रेमियों ने गोल्फ कार्ट पर सवार मोदी और अल्बनीज का तालियां बजाकर स्वागत किया.मोदी और अल्बनीज ने दोनों टीम के खिलाड़ियों से मुलाकात की. दोनों प्रधानमंत्रियों ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम के ‘हॉल ऑफ फेम संग्रहालय’ का भी दौरा किया.

अल्बनीज बुधवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे थे. उन्होंने शहर में आयोजित कुछ कार्यक्रमों में शिरकत की थी. वहीं, मोदी बुधवार देर रात अहमदाबाद पहुंचे थे. भारत चार टेस्ट की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने बृहस्पतिवार को यहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया.

साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक ट्रस्ट की ओर से, साराभाई और अन्य न्यासियों ने महात्मा गांधी के ऐतिहासिक नमक मार्च के बारे में ऑस्ट्रेलियाई लेखक थॉमस वेबर की एक पुस्तक उन्हें भेंट की.

अल्बनीज ने आश्रम की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि महात्मा गांधी के मूल्य और दर्शन आज भी पूरी दुनिया को प्रेरित करते हैं। राजभवन रवाना होने से पहले उन्होंने लिखा, 'महात्मा गांधी का आश्रम आना, उन्हें श्रद्धांजलि देना एक बड़ा सम्मान है, जिनके दर्शन और जीवन मूल्य आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं.