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ड्रैगन कैप्सूल से सफल स्प्लैशडाउन, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला समेत 4 एस्ट्रोनॉट पृथ्वी पर लौटे

इस वक़्त की ताज़ा खबर सभी भारत के लोगों को ख़ुशी कर देने वाली है, जहां शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आये हैं। स्प्लैशडाउन के साथ पूरा हुआ 18 दिन का ऐतिहासिक मिशन। 
 

भारत के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री एक्सियम मिशन-4 के अंतर्गत 18 दिन का अंतरिक्ष प्रवास पूरा कर आज सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। करीब 23 घंटे के लंबे अंतरिक्ष सफर के बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने सोमवार दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) कैलिफोर्निया के तट से लगे प्रशांत महासागर में सुरक्षित स्प्लैशडाउन किया। यह प्रक्रिया बेहद संवेदनशील होती है, जिसमें स्पेसक्राफ्ट समुद्र में उतरता है और फिर विशेष टीम उसे निकालकर एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित बाहर निकालती है।

मिशन का संक्षिप्त विवरण:

  • 26 जून को शाम 4:01 बजे (IST) चारों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे थे।
  • ये उड़ान 25 जून को दोपहर 12 बजे (IST) कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से शुरू हुई थी।
  • यात्रा के लिए स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट और उससे जुड़ा ड्रैगन कैप्सूल प्रयोग में लाया गया।
  • 14 जुलाई की शाम 4:45 बजे वे ISS से पृथ्वी के लिए रवाना हुए और लगभग एक दिन बाद पृथ्वी पर लौटे।

भारत के लिए गौरव की बात: शुभांशु शुक्ला की वापसी

इस मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सिर्फ देश ही नहीं, दुनियाभर के अंतरिक्ष विज्ञान प्रेमियों को प्रेरित किया है। भारत में गगनयान जैसे स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी को देखते हुए यह मिशन कई मायनों में मील का पत्थर माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु के पृथ्वी पर सुरक्षित लौटने पर बधाई देते हुए कहा, मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उनकी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से पृथ्वी पर वापसी के लिए स्वागत करता हूं। शुभांशु ने अपने समर्पण, साहस से अरबों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन - गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

मिशन में क्या किया गया?

मिशन के दौरान चारों एस्ट्रोनॉट्स ने:

  • पृथ्वी की कक्षा में वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया
  • अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के विभिन्न मॉड्यूल्स में इंटरएक्शन और डेटा कलेक्शन किया
  • भावी अंतरिक्ष यात्राओं के लिए आवश्यक व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया

शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि भारतीय मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती है। उनके अनुभव, प्रशिक्षण और स्पेस के वास्तविक हालात में किए गए कार्य भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए दिशादर्शक बनेंगे।