सी.ए.जी. ने डी.यू.ए.सी. एवं दिल्ली नगर निगम की स्वीकृति के बिना इस बंगले को बनाने पर सवाल खड़े किए हैं : वीरेंद्र सचदेवा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सीएजी की एक रिपोर्ट के हवाले से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अपने लिए बनाए गए बंगले को "आपातकालीन आवश्यकता" घोषित करवाकर, नियमों की अनदेखी करते हुए इसकी लागत को बेतहाशा बढ़ाया। प्रारंभिक लागत 7.91 करोड़ से बढ़ाकर इसे 33.66 करोड़ तक पहुंचा दिया गया। सचदेवा ने कहा कि 33.66 करोड़ की यह लागत सिर्फ कागजी आंकड़ा है। असली खर्च का पता लगाने के लिए उन इनवेंटरी को शामिल करना होगा, जो पीडब्ल्यूडी द्वारा तैयार की गई थीं लेकिन सीएजी को प्रस्तुत नहीं की गईं।
सीएजी रिपोर्ट की मुख्य बातें:
1. पीडब्ल्यूडी का दुरुपयोग: रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार के दौरान लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने एक सरकारी एजेंसी की जगह मुख्यमंत्री के निजी एजेंडे के लिए काम किया।
2. कानून और नियमों की अनदेखी: बंगले के निर्माण में हर नियम और कानून को ताक पर रख दिया गया। इसे "गिव एंड टेक" के भ्रष्टाचार का मामला बताया गया है।
3. कोविड काल में 'आपातकालीन आवश्यकता': बंगले के निर्माण को कोविड के दौरान आपातकालीन कार्य घोषित किया गया। 1 सितंबर 2020 को 7.91 करोड़ का पहला वर्क ऑर्डर जारी किया गया, जबकि जनता महामारी की मार झेल रही थी।
लागत कैसे बढ़ाई गई:
8 जून 2021: रसोई और लॉन्ड्री के नाम पर 1.62 करोड़ का वर्क ऑर्डर।
22 अक्टूबर 2021: सुपर एरिया में वृद्धि के लिए 9.09 करोड़ का नया वर्क ऑर्डर।
30 दिसंबर 2021: सौंदर्यीकरण के लिए 5.73 करोड़ का वर्क ऑर्डर।
29 जून 2022: अतिरिक्त सजावट के लिए 9.34 करोड़ का वर्क ऑर्डर।
सीएजी की आपत्तियां:
-बंगले को आपातकालीन आवश्यकता बताने और बार-बार लागत बढ़ाने पर सवाल।
-डीयूएसी और दिल्ली नगर निगम की स्वीकृति के बिना निर्माण कार्य।
-स्टाफ ब्लॉक और सर्वेंट क्वार्टर के नाम पर खर्च की गई राशि का सही विवरण न होना।
अवैध निर्माण की असली लागत:
सचदेवा के अनुसार, पीडब्ल्यूडी की 11 अक्टूबर 2024 की इनवेंटरी और अन्य विभागों के खर्चों को मिलाकर यह बंगला 75-80 करोड़ रुपये की लागत में तैयार हुआ। इसे "अवैध और भव्य निर्माण" बताया गया। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह मामला केवल एक बंगले का नहीं, बल्कि व्यापक भ्रष्टाचार और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का है। उन्होंने जनता के पैसे की इस बर्बादी पर कड़ी आपत्ति जताई है।