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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ऐलान, सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मिलेगी 'कैशलेस' इलाज सुविधा, जानें

देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस इलाज सुविधा की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान करना है।

यह योजना पहली बार 14 मार्च 2024 को चंडीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई। इसके बाद इसे असम, पंजाब, हरियाणा और पुडुचेरी में लागू किया गया। इन राज्यों में मिली सफलता के बाद इसे अब पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 2024 में देशभर में 1.80 लाख लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई। इनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने की वजह से हुईं, जबकि 66% हादसों में 18 से 34 वर्ष की आयु वर्ग के लोग शामिल थे।

क्या है कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम?

-इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल में इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

-आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत पंजीकृत अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध होगी।

-दुर्घटना के बाद पीड़ित को सात दिनों तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।

-पुलिस को दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर सूचित करना अनिवार्य है, तभी इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

हिट एंड रन मामलों के लिए विशेष प्रावधान
हिट एंड रन मामलों में पीड़ित के परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा दुर्घटनाओं की जानकारी और प्रबंधन के लिए एक विशेष आईटी प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जो ई-डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट (eDAR) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम को जोड़ेगा।

‘गोल्डन आवर’ की अहमियत
दुर्घटना के बाद का पहला घंटा, जिसे ‘गोल्डन आवर’ कहा जाता है, पीड़ित के जीवन को बचाने में बेहद महत्वपूर्ण होता है। योजना इस समय के दौरान प्रभावी इलाज सुनिश्चित करने पर जोर देती है।

स्कूल-कॉलेजों के पास सुरक्षा इंतजाम बेहतर होंगे
2024 में स्कूल और कॉलेजों के पास उचित सुरक्षा प्रबंध न होने के कारण 10,000 बच्चों की मौत हुई। सरकार इस दिशा में सुधार के लिए एंट्री और एग्जिट व्यवस्था को मजबूत करने पर काम कर रही है।

सरकार मार्च 2025 तक बेहतर मेडिकल रिस्पॉन्स सिस्टम और रिकवरी सहायता की योजना बना रही है। इसके अलावा, ‘गुड सेमेरिटन स्कीम’ के तहत सड़क हादसों में मदद करने वालों को सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाएगा। यह योजना सड़क सुरक्षा में क्रांति लाने और दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाने की दिशा में एक बड़ी पहल साबित हो सकती है।