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केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बयान देना अमेरिकी डिप्लोमैट को महंगा पड़ा, भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया तलब

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका के बयान के बाद आज भारतीय विदेश मंत्रालय के अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के बयान का विरोध करते हुए कहा कि, भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे। दरअसल, जर्मनी के बाद मंगलवार को अमेरिका ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर बयान दिया था। शराब नीति घोटाला मामले में ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया था।

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, 'अगर 2 देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद और बढ़ जाती है, नहीं तो अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है। भारत में कानूनी प्रक्रिया एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं। उस पर कलंक लगाना या सवाल उठाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।'

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी, यूएस के 4 दिन में 2 बयान
23 मार्च
: जर्मनी ने कहा था, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है। केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा। केजरीवाल को बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी। जब तक दोष साबित न हो तब तक किसी भी शख्स को निर्दोष मानने के कानूनी सिद्धांत का पालन होना चाहिए।'

जर्मनी की डिप्लोमैट तलब, विदेश मंत्रालय ने कहा- दखलंदाजी न करे: जर्मनी के बयान पर भारत ने उनकी एम्बेसी के डिप्टी हेड को तलब किया था। जर्मनी भारत के आतंरिक मामलों में दखलंदाजी न करे। हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं, इस तरह के बयान हमारे न्यायालय की निष्पक्षता और आजादी पर सवाल खड़े करते हैं। भारत एक ताकतवर लोकतंत्र है, जहां कानून का पालन होता है। दूसरे मामलों की तरह इस मामले (केजरीवाल की गिरफ्तारी) में भी कानून के तहत कार्रवाई होगी।

25 मार्च: अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था- हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर नजर बनाए हुए है। हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होगी। इस दौरान कानून और लोकतंत्र के मूल्यों का पालन किया जाएगा।

गौरतलब है कि, शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। वे 28 मार्च तक ED की हिरासत में हैं। केजरीवाल ED कस्टडी से सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में पेशी के समय कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलाएंगे।