पटना में होगा विराट सनातन महाकुंभ, परशुराम चेतना से जागेगा राष्ट्रधर्म
Jun 27, 2025, 19:19 IST

भगवान परशुराम जन्म महोत्सव के पावन समापन अवसर पर 6 जुलाई 2025, रविवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक भव्य और दिव्य "सनातन महाकुंभ" का आयोजन होने जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य भारत की सनातन चेतना, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता को पुनः जाग्रत करना है। यह महाकुंभ "श्री राम कर्मभूमि न्यास" के तत्वावधान में आयोजित हो रहा है, जो वर्षों से भारत की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए समर्पित है।
इस विराट आयोजन में देशभर से प्रमुख शंकराचार्यगण, जगद्गुरु, महामंडलेश्वर, मठाधीश, संत-आचार्य और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाएं भाग लेंगी। इस अवसर की विशेष शोभा होंगे पूज्य जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज, जिनकी दिव्य वाणी और सनातन दृष्टिकोण संपूर्ण देश में आदर के पात्र हैं। देश के विविध शंकराचार्य पीठों के पीठाधीश्वर, प्रमुख अखाड़ों और वेद संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस महाकुंभ में अपनी उपस्थिति देंगे।
यह आयोजन केवल धार्मिक समागम नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण का व्यापक प्रयास है। इसमें युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और साधकों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। आयोजन के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण वैचारिक संगोष्ठी भी आयोजित की जा रही है, जिसका विषय है—"भगवान श्री परशुराम की प्रतीक्षा"।

यह विषय एक प्रतीकात्मक दृष्टिकोण है, जो अन्याय के विरुद्ध खड़े होने, समरस समाज के निर्माण और सनातन मूल्यों पर आधारित राष्ट्रनिर्माण की चेतना को जाग्रत करता है। श्री अश्विनी कुमार चौबे, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं न्यास के संरक्षक ने स्पष्ट किया है कि "परशुराम की प्रतीक्षा" किसी व्यक्ति विशेष की प्रतीक्षा नहीं, बल्कि उस चेतना के पुनरुत्थान का आह्वान है जो धर्म, न्याय और समता की स्थापना के लिए संघर्षरत हो।
महाकुंभ के साथ-साथ "सनातन संग भारत जन चेतना अभियान" का शुभारंभ भी होगा। इस अभियान के अंतर्गत बिहार सहित देशभर में संवाद, कार्यशालाएं, विचार गोष्ठियाँ एवं जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो विशेष रूप से युवाओं को भारतीय संस्कृति और जीवनशैली से जोड़ने तथा उन्हें राष्ट्रनिर्माण में प्रेरित करने के उद्देश्य से होंगे।
इस अवसर पर एक विशेष स्मारिका का भी प्रकाशन किया जाएगा, जिसमें देश के प्रख्यात संतों, विचारकों, शिक्षाविदों और सामाजिक संस्थाओं के शुभकामना संदेश, लेख और शोध आलेख संकलित किए जाएंगे। आयोजन समिति ने सभी सनातन अनुरागियों, संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से bhartiyasahitya@gmail.com पर अपने लेख और संदेश शीघ्र भेजने का आग्रह किया है।
श्री राम कर्मभूमि न्यास द्वारा आयोजित यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रतीक बनेगा। यह महाकुंभ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह उस महायज्ञ का आह्वान है, जिसमें एक समरस, सशक्त और सनातन मूल्यों पर आधारित भारत के निर्माण हेतु प्रत्येक जागरूक भारतीय की सहभागिता अपेक्षित है।