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CM हेमंत सोरेन ने कैंसर हॉस्पिटल का किया उद्घाटन, कहा- राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा

Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची जिला के कांके स्थित कदमा गांव में बने कैंसर हॉस्पिटल का उद्घाटन किया. करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक अस्पताल में कुल 82 बेड हैं. गौरतलब है कि इस अस्पताल में ओपीडी का संचालन अक्टूबर 2022 से ही किया जा रहा है. अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस अस्पताल में जांच औरइलाज की सुविधा मिलेगी. अत्याधुनिक उपकरणों से लैस 14 ऑपरेशन थियेटर अस्पताल में है. फिलहाल यहां 28 आईसीयू एवं ब्लड बैंक संचालित किया जाएगा राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई चीजें जुड़ती आयी हैं लेकिन कैंसर से संबंधित स्वास्थ्य सुविधा इस प्रदेश में लगभग ना के बराबर था. सरकार बनने के बाद से ही हमारी सरकार इस प्रयास में लग गयी थी कि यहां भी अत्याधुनिक हॉस्पीटल बने जहां कैंसर का इलाज बेहतर तरीके से हो. ताकि राज्य के लोगों को बाहर न जाना पड़े. मुख्यमंत्री आज कांके स्थित कदमा गांव में बने टाटा कैंसर हॉस्पिटल के उद्घाटन के मौके पर संबोधित कर रहे थे. हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने भी कई लोगों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे राज्य भेजा है. आज हमारे राज्य में भव्य कैंसर अस्पताल मौजूद है. जिसे जनता को समर्पित किया जा रहा है.

मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि यह अस्पताल राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा. क्योंकि यह सिर्फ अस्पताल नहीं रिसर्च सेंटर भी है. उन्होंने नवल टाटा से अपील की और कहा कि इसे इस तरह विकसित करें कि राज्य का यह रिसर्च सेंटर राज्य के लिए नहीं देश के लिए मील का पत्थर साबित हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कैंसर की स्थिति ऐसी है कि ऐसे कई राज्य हैं जहां कैंसर के लिए स्पेशल ट्रेन चलती हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हमें उसी तेजी से काम करने की आवश्यकता है जिस तेजी से कैंसर बढ़ रहा है. अस्पताल का कैंपस 25 एकड़ का है धीरे- धीरे यह और बड़ा रूप लेगा। हम राज्य में एक मेडिको सिटी की भी कल्पना कर रहे हैं जहां स्वास्थ्य से जुड़ी कई सुविधाएं होगी. हमें दूसरे राज्यों में इलाज के लिए जाना पड़ता है उसमें कमी आयेगी.

राज्य सरकार के सहयोग से ही यह संभव हो सका हैः नवल टाट

टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी और वाइस चेयरमैन टाटा स्टील नवल टाटा ने उद्धाटन के दौरान कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से ही यह संभव हो सका है. कैंसर से लड़ने के लिए बेहतर सुविधा कम जगहों पर है, कई इलाके के लोगों को लिए यहां पहुंचना संभव नहीं है. बड़े शहरों में कैंसर अस्पताल का बेहतर इलाज होना छोटे शहर में रहने वालों के लिए वहां पहुंचना मुश्किल होता है. टाटा कैंसर से लड़ने के लिए छह राज्यों में काम कर रहा है. इनमें आंध्र प्रदेश, झारखंड, असम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल है. रांची कैंसर अस्पताल सिर्फ मरीजों के लिए इलाज के लिए नहीं है, रिसर्च के लिए भी है. यहां उच्च तकनीक की मदद से डॉक्टर और 
वैज्ञानिक रिसर्च करेंगे.

यह अस्पताल मील का पत्थर साबित होगाः बन्ना

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, इस राज्य के लिए यह अस्पताल एक मील का पत्थर साबित होगा. इसी विश्वास के साथ हमारे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लगातार स्वास्थ्य विभाग से समीक्षा करते रहे. स्वास्थ्य की सुविधा कैसे बेहतर हो इसे लेकर मुख्यमंत्री चिंतित रहते हैं. राज्य अर्थव्यस्था के लिए नहीं होता है, जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए होता है।

कैंसर पर रिसर्च भी होगा

इस टाटा कैंसर हॉस्पिटल में ओपीडी का संचालन एक साल पहले से किया जा रहा है. 12 मई के बाद यहां इनडोर कैंसर पेशेंट का भी इलाज शुरू हो जाएगा. अस्पताल में फिलहाल 82 बेड हैं, जिनमें से 50 फीसदी यानि 41 बेड स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं. अस्पताल में 14 ऑपरेशन थिएटर और 28 बेड का आइसीयू हैं. अस्पताल का निर्माण टाटा ट्रस्ट ने किया है. इस अस्पताल की खास बात ये है कि इसमें इलाज के साथ कैंसर पर रिसर्च भी होगा. अस्पताल को मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के समान विकसित किया जाना है.

ये होंगी हों सुविधाएं
-मेडिकल ऑन्कोलॉजी
-रेडिएशन ऑन्कोलॉजी
-सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
-पेन एंड पैलेटिव केयर
-रेडियोलॉज