स्कूलों का समय बदलने से शिक्षकों में आक्रोश, शिक्षक एमएलसी एवं स्नातक एमएलसी के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी
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बिहार में शिक्षा विभाग के नए आदेश को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है। शिक्षा विभाग के नए आदेश के अनुसार सुबह 6 बजे शिक्षकों को स्कूल पहुंच जाना है। जिसको लेकर शिक्षकों को हो रही समस्याओं के संबंध में शिक्षक नेता अमित विक्रम ने शिक्षक एमएलसी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के वोट से सीधे चुने जाने वाले 12 एमएलसी सिर्फ मीडिया में बयान बाजी और चिट्ठी लिखने से काम नहीं चलेगा। 24 घंटे के अंदर धरने पर बैठिए।
उन्होंने सभी 12 MLC महोदयों से कहा कि सोमवार से किसी भी सूरत में समय सारणी में बदलाव चाहिए। नहीं तो अगला चुनाव आप में से कोई भी नहीं जीत पाएंगे। आपके आवास पर जाकर मुंह पर कई पोतने का काम करेंगे शिक्षक। क्षेत्र में आइएगा तो आपको बंधक बना लिया जाएगा। शिक्षकों की आवाज उठाने के लिए आपको वोट देते हैं शिक्षक! यह नहीं चलेगा कि आप AC महलों में बैठकर आप हवा खाएं और हम शिक्षक जलती दोपहरी में लू के थपेड़े खाएं।
बता दें कि शिक्षकों के वोट से 6 एमएलसी सीधे तौर पर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीते हैं और 6 स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले एमएलसी भी सीधे तौर पर शिक्षकों के वोट पर ही निर्भर करते हैं। क्योंकि स्नातक वोटर में सबसे बड़ी संख्या शिक्षकों की ही होती है। वोट देने वालों में से लगभग 90% स्नातक योग्यताधारी शिक्षक ही होते हैं। ऐसे में इन सभी 12 एमएलसी से शिक्षकों को विशेष नाराजगी है। क्योंकि यह सीधे तौर पर शिक्षकों के वोट से जीते हैं।
पूरे बिहार में शिक्षकों में जितना आक्रोश शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के पाठक के प्रति है उतना ही आक्रोश इन सभी 12 MLC के प्रति भी है। शिक्षक नेता अमित विक्रम का कहना है कि पिछले 1 साल से लगातार शिक्षकों का शोषण हो रहा है लेकिन इनमें से एक भी एमएलसी ने किसी प्रकार का कोई ठोस आंदोलन नहीं किया है। केवल मीडिया में बयानबाजी और सदन में हल्ला हंगामा करते हैं लेकिन सड़क पर उतरकर यह 12 एमएलसी कभी कोई आंदोलन नहीं करते हैं। इसलिए सभी शिक्षकों की मांग है कि यह सभी 12 एमएलसी राजभवन परेड करें और वहीं पर धरना दें। अन्यथा रविवार को उनके विरुद्ध आंदोलन की घोषणा की जाएगी।