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ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड: हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को नोटिस, 4 हफ्ते बाद होगी सुनवाई

 

रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस कांड के सभी 8 आरोपियों को नोटिस जारी किया है। उन्हें अगली सुनवाई के दौरान पेश होने और एडवोकेट के माध्यम से अपना पक्ष रखने को कहा गया है। एडवोकेट माधव राज के अनुसार जस्टिस संदीप सिंह ने मंगलवार को सुनवाई की। अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी। तब तक के लिए आरा कोर्ट में चल रहे इस हत्याकांड के ट्रायल पर भी रोक जारी रहेगी। लोअर कोर्ट में चल रहे केस के ट्रायल पर पहली बार 15 जुलाई को रोक लगाई थी।

दरअसल, ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के बाद बिहार पुलिस की जांच में शुरुआती तौर पर 4 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था। इसमें अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडेय, प्रिंस पांडेय और रितेश कुमार सिंह के नाम शामिल थे। बाद में CBI ने जो अपनी चार्जशीट दाखिल की उसमें लोजपा (रामविलास) के बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य हुलास पांडेय, अमितेश कुमार पांडेय, बालेश्वर राय और मनोज राय को आरोपी बनाते हुए नामजद किया गया।

बता दें कि ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या 1 जून 2012 को हुई थी। अहले सुबह 4 बजे घर के बाहर ही उन्हें गोलियों से भून दिया गया था। हथियार से लैश होकर पहुंचे 4 से 5 अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए कुल 9 गोलियां उनके शरीर में दाग दी थी। जिस कारण मौके पर ही ब्रह्मेश्वर मुखिया की मौत हो गई थी। भोजपुर जिले के आरा मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर पवना थाना के तहत खोपिड़ा गांव में रणवीर सेना के प्रमुख का घर था। गली का अंत इनके घर पर ही होता है। अपने गली में ही वो टहल रहे थे और उसी बीच ये वारदात हुई थी।

उस तारीख को इस वारदात ने सिर्फ भोजपुर जिला ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में हड़कम्प मचा दिया था। नीतीश सरकार के अंदर ऐसी खलबली मच गई थी कि बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए उस वक्त के DGP अभ्यानंद को आनन-फानन में पटना से सीधे वारदात स्थल पर भेज दिया गया था। 1 जून 2024 बीत चुका है। इस चर्चित हत्याकांड को पूरे 12 साल हो गए हैं। पिछले 11 साल से इस की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI की टीम कर रही है।