चम्पाई सोरेन का फिर से दिल्ली दौरा, भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज़
पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन एक बार फिर से दिल्ली दौरे पर हैं, और इस बार भी राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। चम्पाई सोरेन कोलकाता होते हुए दिल्ली पहुंचे हैं, और उनके इस दौरे से अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले भी, उनके दिल्ली दौरे के दौरान ऐसी ही चर्चाएं जोरों पर थीं, लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं हुआ। दिल्ली से लौटने के बाद उनके द्वारा दिए गए तीन विकल्पों में से 'नयी पार्टी बनाने' की चर्चा भी कुछ समय तक रही, पर अब उनका फिर से दिल्ली दौरा संदेह को और बढ़ा रहा है।
इस बार उनके साथ 20 लोग भी दिल्ली गए हैं, जो इस बात को और मजबूती देता है कि चम्पाई सोरेन भाजपा में शामिल होने की योजना बना सकते हैं। वहीं, झामुमो से निष्कासित नेता लोबिन हेम्ब्रम अभी झारखंड में ही हैं, लेकिन उनके भी भाजपा में जाने की अटकलें चल रही हैं।
बताते चलें कि चम्पाई सोरेन ने पहले खुद के लिए तीन विकल्प रखे थे—राजनीति से संन्यास लेना, नयी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ना, या भाजपा में शामिल होना। उनका राजनीति से संन्यास लेने का विकल्प खुद ही खारिज हो गया, क्योंकि वह लगातार सक्रिय हैं। अब सवाल यह उठता है कि वह नयी पार्टी बनाएंगे या भाजपा में शामिल होंगे? इसका जवाब तो चम्पाई सोरेन ही देंगे, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि उनका अगला कदम भाजपा के साथ हो सकता है। हालांकि अब तक उन्होंने न तो अपनी पार्टी छोड़ी है और न ही मंत्रिपद से इस्तीफा दिया है।
सम्मान की लड़ाई या राजनीतिक रणनीति?
चम्पाई सोरेन ने अपने पिछले दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें अपमानजनक तरीके से हटाया गया, और अब वह अपने सम्मान की लड़ाई को लेकर पूरे कोल्हान क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। इसी रणनीति के तहत उन्होंने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा भी किया है, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि उनका अगला कदम राजनीति में बड़ा हो सकता है।
गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोल्हान क्षेत्र में एक भी सीट नहीं मिली थी, लेकिन चम्पाई सोरेन की बगावत भाजपा के लिए एक सुनहरा मौका बन सकती है। अगर चम्पाई सोरेन नयी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ते हैं, तो इसका सीधा नुकसान झामुमो को होगा। वहीं, अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं, तो उनके समर्थक भाजपा को कोल्हान में मजबूत कर सकते हैं।