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महाकाल के दरबार में परिवार संग मत्था टेकने पहुंचे चिराग पासवान, महादेव का किया शुक्रिया

 
केंद्रीय मंत्री और सांसद चिराग पासवान अपने परिवार के साथ उज्जैन स्थित महाकाल के दरबार पहुंचे. उनके साथ उनकी मां और बहन एवं जीजा (जमुई से सांसद अरुण भारती) के साथ अन्य सदस्य मौजूद रहे. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में हुई 'भस्म आरती' में वे शामिल हुए. इस दौरान सांसद चिराग पासवान पीले रंग के धोती-कुर्ता में नजर आए. 
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री और सांसद चिराग पासवान ने कहा, "श्री महाकाल ने इतना कुछ दिया एक ऐसे समय पर जब शायद मुझसे सब कुछ छिन गया था. बाबा का ही आशीर्वाद रहा कि आज मैं यहां तक पहुंचा हूं. आज मेरा पूरा परिवार, मेरी मां, मेरी बहन, मेरे जीजा जी, मेरे भांजे, मेरी भांजियां, मेरे तमाम साथी-सहयोगी, तमाम मेरे रिश्तेदार, आज सबके साथ महादेव का धन्यवाद करने आया हूं."
उन्होंने आगे कहा, "श्री महाकाल का आशीर्वाद लेने आया हूं और अपने लिए प्रण लेकर जा रहा हूं कि प्रधानमंत्री जी ने हमारे देश को विकसित देश बनाने का संकल्प दिया है जिसमें हम सभी प्रयासरत हैं. उनके इस संकल्प को हम पूरा कर सकें आज मैं यही कामना करके जा रहा हूं.
इससे पहले मंगलवार (04 मार्च, 2025) को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि भारत का लक्ष्य वैश्विक खाद्य केंद्र बनना है. उन्होंने कहा कि इसके लिए घरेलू कारोबारियों को वैश्विक मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पादों के उत्पादन को प्राथमिकता देने की जरूरत है. उन्होंने यहां 'आहार' अंतरराष्ट्रीय खाद्य और आतिथ्य मेले के 39वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. 
आठ मार्च तक चलने वाला यह पांच दिवसीय कार्यक्रम भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है. इसका आयोजन भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है, जिसमें उत्पादों और सेवाओं के साथ-साथ नवीन प्रौद्योगिकियों की विस्तृत शृंखला को शामिल किया गया है. 
चिराग पासवान ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पादों के निर्माण पर ध्यान दें. हमारे उत्पाद वैश्विक मानकों के अनुरूप होने चाहिए. हमें गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहिए. किसी भी देश को गुणवत्ता के संबंध में भारत पर उंगली नहीं उठानी चाहिए." चिराग पासवान ने घरेलू कारोबारियों से इस वर्ष के आहार मेले में भाग लेने वाले 22 देशों के अनुभव और नवाचार से सीखने का आह्वान किया