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दीपांकर भट्टाचार्य ने कर दिया साफ़, नीतीश कुमार अगर सही बात नहीं मानेंगे तो उनको भुगतना पड़ेगा

 

बिहार की राजनीत‍ि में विपक्षी एकता की बैठक से पहले जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने बिहार सरकार के मंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने छोटे राजनीतिक दलों की तुलना दुकान से कर दी थी. इस बयान पर मांझी ने तो जवाब दिया ही साथ ही माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी छोटी पार्टियों को लेकर बड़ी बात कह दी है.

Dipankar Bhattacharya | Rahul Gandhi could be PM candidate: CPIML general  secretary Dipankar Bhattacharya - Telegraph India

दीपांकर भट्टाचार्य ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि छोटी पार्टियों को विलय के लिए कोई दबाव नहीं बनाना चाहिए. यह दबाव तो बीजेपी लोकतंत्र को खत्म करने के लिए बना रही है. बीजेपी कहती है देश में सिर्फ एक पार्टी हो. जेपी नड्डा पटना आकर जदयू को धमकी देकर गए थे। विपक्ष में छोटी पार्टी और बड़ी पार्टी जैसा कोई सवाल नहीं होना चाहिए। हालांकि उन्होंने जीतन राम मांझी के महागठबंधन से अलग होने के फैसले पर निराशा जाहिर की। कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था, कुछ बात थी तो सबसे चर्चा करते. 

आगे दीपांकर भट्टाचार्य से ये पूछा गया कि ये सब महागठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी नहीं रहने की वजह से हो रहा है क्या? तो इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कॉर्डिनेशन कमेटी नहीं रहने से दिक्कतें तो है. हम मांग करते रहे हैं, लेकिन कमेटी नहीं बनी. भाकपा (माले) महागठबंधन छोड़ कर नहीं जा रही है. सवाल यह है कि महागठबंधन के संचालन कैसे व्यवस्थित तरीके से हो.

वैसे दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि वो हमेशा शिक्षकों का मुद्दा उठाते रहते है. लेकिन नीतीश कुमार इसपर ध्यान नहीं दे रहे है. दीपांकर ने कहा कि सही बात नहीं मानेंगे तो सीएम नीतीश कुमार को भुगतना पड़ेगा. हम तो शिक्षकों और गरीबों का मुद्दा उठाते रहेंगे.