वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले संजय जायसवाल- हर सांसद को इसपर खुले दिल से विचार करना चाहिए
वन नेशन वन इलेक्शन' से जुड़ा विधेयक आज सदन में पेश किया गया. इस पर लगातार एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी कड़ी में बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि इस देश के पूर्व राष्ट्रपति के अध्यक्षता में एक समिति बनी, उस समिति ने सभी लोगों से बात की और एक निर्णय पर पहुंची जिसको कैबिनेट ने मंजूरी दी. आज उसे सदन में पेश किया जा रहा है. मुझे लगता है हर सांसद को खुले दिल से इस पर विचार करना चाहिए.
बीजेपी सांसद ने कहा, "संसद बनी ही है कि हम कानून को ढंग से लागू कर सके इसके लिए. बिना देखे कि कानून क्या है ये ना मुझे पता न मनीष तिवारी को पता है, न किसी और को पता है. पहले ये देखें कि रामनाथ कोविंद की क्या अनुशंशा रही है सबको देखकर संसद में डिबेट होगा और उचित निर्णय होगा. लेकिन ये कहना कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जो फैसला 1950 में लिया था, जिसके बाद 20 सालों तक देश और राज्यों के चुनाव एक साथ चले वे सब गलत थे, हम ही अकलमंद हैं ये बात जो कह रहा है उसकी बुद्धि पर मुझे तरस आ रहा है."
कांग्रेस की तरफ से 'वन नेशन वन इलेक्शन' का विरोध किए जाने पर संजय जायसवाल ने कहा कि क्यों विरोध कर रहे हैं ये तो बताएं? लोकसभा तो इसी के लिए बनी है कि उनकी बात भी हम सुनेंगे और अपनी बात भी हम रखेंगे. उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन होना है तो उस पर सब मिलकर बात तो करें. बिना बात किए किसी चीज को रिजेक्ट कर देना वो भी ऐसी चीज को जो संविधान की रचना के साथ लागू हुई और 20 सालों तक चली और परंपरा समाप्त हो गई. अगर एक बार फिर वह परंपरा आ रही है तो मुझे कोई बुराई नहीं दिखती.