गया: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) का 4th दीक्षांत समारोह का राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ

दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021 और 2022 में उत्तीर्ण 1346 छात्रों को डिग्री प्रमाणपत्र प्रदान दिया गया। इसके अलावा 726 पास आउट छात्र छात्राओं को उपाधि दिए जाने की घोषणा की गई। कुल मिलाकर 1346 पास आउट स्टूडेंटस को राज्यपाल के हाथों उपाधि मिला।
वहीं 80 गोल्ड मेडल में से 59 गोल्ड मेडल लड़कियों की झोली में गई।
इस मौके पर राज्यपाल ने मेडल प्राप्त करने वालों विद्यार्थियों को कहा कि यह जीवन की पहली सफलता है। हमें उम्मीद है कि आप अपने परिवार समाज और देश के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। साथ ही जो शिक्षा प्राप्त की है उससे देश लाभान्वित होगा।
उन्होंने कहा कि यह पल न केवल स्टूडेंट्स बल्कि अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण है। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ है, आप देश का नाम रोशन करें। अब आप अपने ज्ञान, अनुशासन के बल कड़ी मेहनत करते हुए देश हित मे नया कीर्तिमान हासिल करेंगे।

वहीं इस मौके पर सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने मेडल व उपाधि प्राप्त करने वालों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। साथ ही नई शिक्षा नीति की तारीफ की। और देश की तरक्की में कदम से कदम बढ़ा कर आगे चलने का आग्रह किया।
कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्री देने का केंद्र नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला संस्थान है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप शिक्षित करना और उन्हें कौशल के साथ सामाजिक जिम्मेदारी के लिए तैयार करना है। "कैंपस फॉर कम्युनिटी" विश्वविद्यालय का प्रमुख ध्येय है।
बेटियों ने मारी बाजी, 80 गोल्ड में से 59 पर कब्जा
इस दीक्षांत समारोह में 80 छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। खास बात यह है कि इन 80 में से 59 गोल्ड मेडल बेटियों रहीं। वर्ष 2021 के लिए 2 छात्रों को चांसलर गोल्ड मेडल, 10 को स्कूल गोल्ड मेडल और 26 को डिपार्टमेंट गोल्ड मेडल मिला। वहीं, 2022 के लिए 2 छात्रों को चांसलर गोल्ड मेडल, 11 को स्कूल गोल्ड मेडल और 29 छात्रों को डिपार्टमेंट गोल्ड मेडल दिया गया।
विश्वविद्यालय ने हासिल की कई उपलब्धियां
इस मौके पर कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि सीयूएसबी ने पिछले वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। वर्ष 2023 में विश्वविद्यालय को नैक (NAAC) से 3.58 स्कोर के साथ 'ए++' ग्रेड प्राप्त हुआ। वर्ष 2024 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इसे कैटेगरी-1 यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया, जिससे इसे स्वायत्तता भी मिली।
साथ ही, बीएससी एग्रीकल्चर, एमएससी डेटा साइंस और एमएससी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स शुरू किए गए। इस साल से बीबीए एलएलबी और 13 विषयों में इंटीग्रेटेड यूजी-पीजी पाठ्यक्रम भी शुरू हो चुके हैं। भविष्य में डिस्टेंस लर्निंग, बीफार्मा, एमएससी साइबर सिक्योरिटी और एलएलएम जैसे नए कोर्स लाने की योजना है।
खेल और शोध को भी मिल रहा बढ़ावा
कुलपति ने बताया कि खेलो इंडिया के तहत युवा एवं खेल मंत्रालय ने मिल्खा सिंह खेल परिसर के पास मल्टीपर्पज हॉल के लिए 9.50 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है। इससे विद्यार्थी किसी भी मौसम में खेल गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे।
इसके अलावा, शिक्षकों और विद्यार्थियों के शोध कार्यों के लिए 11.64 करोड़ रुपए का अनुदान मिला है, जो बिहार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
इस मौके पर गोल्ड मेडल चांसलर मेडल व सकुल मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं ने कहा कि हमें बहुत खुशी हो रही है। यहां से मिले ज्ञान, अनुशासन के पाठ का समाज व देश हित मे योगदान दिया जाएगा।