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सीट शेयरिंग को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन वर्चुअल बैठक, बंगाल-पंजाब-यूपी में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी

कल I.N.D.I.A गठबंधन की वर्चुअल मीटिंग हुई। इस मीटिंग के दौरान चेयरपर्सन की पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का चयन हुआ है। हालांकि संयोजक के नाम पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। 

I.N.D.I.A गठबंधन सीट शेयरिंग के अलावा, अध्यक्ष और संयोजक पदों को लेकर भी दुविधा में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कल I.N.D.I.A गठबंधन की वर्चुअल मीटिंग हुई। इस मीटिंग के दौरान चेयरपर्सन की पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का चयन हुआ है। हालांकि संयोजक के नाम पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। 

इधर JDU भी सीट शेयरिंग में हो रही देरी से नाराज है। पार्टी के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ‘हमारी चिंताएं हैं कि सीट शेयरिंग जल्दी हो और जॉइंट कैंपेन होना चाहिए। चुनाव में मुश्किल से दो महीने बचे हैं और अभी सीट शेयरिंग भी नहीं हुई। यह बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। हालांकि, NDA में भी सीट शेयरिंग नहीं हुई है, लेकिन BJP का संगठन, जनशक्ति और धनशक्ति काफी मजबूत है।’

पश्चिम बंगाल: कांग्रेस को चाहिए 6 सीटें, ममता 2 से ज्यादा देने को तैयार नहीं
राज्य में लोकसभा की 42 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। मुख्यमंत्री और TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी कांग्रेस को 2 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं।

पश्चिम बंगाल में फिलहाल सीट शेयरिंग का कोई फॉर्मूला बनता नहीं दिख रहा। यही वजह है कि ममता बनर्जी I.N.D.I.A गठबंधन से दूरी बनाते दिख रही हैं। फिलहाल कांग्रेस और TMC में सीटों के बंटवारे पर कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है।

पंजाब: कांग्रेस का 8 सीटों पर दावा, लेकिन AAP राजी नहीं
पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं। आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में भटिंडा में एक रैली के दौरान लोगों से AAP को सभी 13 सीटें जिताने की अपील की थी। जाहिर है कि AAP का दावा पंजाब की सभी 13 सीटों पर है। अभी 13 में से 8 सीटों पर कांग्रेस के सांसद हैं। कांग्रेस इन 8 सीटों पर दावा कर रही है। पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी कांग्रेस को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं है।

दिल्ली: सीट शेयरिंग पर सहमति बनी, AAP 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर लड़ सकती हैं
दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। कांग्रेस ने दिल्ली में 5 सीटों की डिमांड की थी, लेकिन AAP के 4 और कांग्रेस के 3 सीटों पर लड़ने के संभावित फॉर्मूले पर दोनों पार्टियां राजी हैं।

यूपी: कांग्रेस 20-25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, सपा 10 सीटें दे रही
यूपी में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर शुक्रवार 12 जनवरी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की बैठक होनी थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, यूपी को लेकर पार्टी का रोड मैप क्लीयर नहीं था, इस वजह से मीटिंग टालनी पड़ी।

कांग्रेस यूपी में 20-25 सीटों पर लड़ना चाहती है, जबकि सपा 10 से ज्यादा सीट नहीं देना चाहती। सपा खुद कम से कम 60 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और अपनी सहयोगी RLD को 5 सीट दिलाना चाहती है। ऐसी स्थिति में यूपी में कांग्रेस के लिए 15 सीटें ही बचेंगी।

बिहार: JDU ने कांग्रेस को 4 सीटें देने का प्रस्ताव रखा, कांग्रेस 8-10 सीटें मांग रही
बिहार में सीटों के बंटवारे पर हुई बैठक में JDU ने RJD-JDU को 17-17, कांग्रेस को 4 और लेफ्ट पार्टियों को 2 सीट दिए जाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, कांग्रेस बिहार में 8-10 सीटें मांग रही है।

सूत्रों के मुताबिक, JDU-RJD को 16-16, कांग्रेस को 6 और लेफ्ट दलों को 2 सीट दिए जाने के संभावित फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है। हालांकि, कांग्रेस नीतीश के I.N.D.I.A गठबंधन से अलग होने की आशंकाओं को भी नकार नहीं रही। इस स्थिति में कांग्रेस, RJD और लेफ्ट दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।

महाराष्ट्र: कांग्रेस 20 सीटों पर अड़ी, शिवसेना को भी इतनी ही सीटें मिल सकती हैं
महाराष्ट्र को लेकर भी कांग्रेस की NCP (शरद गुट) और शिवसेना (UBT) के साथ बैठक हो चुकी है। शिवसेना 23 और NCP 10 सीटों की मांग कर रही हैं, जबकि कांग्रेस 20 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस 20, शिवसेना 20, NCP 6, वंचित बहुजन अघाड़ी एक और स्वाभिमानी पक्ष एक सीट के संभावित फॉर्मूले पर चुनाव लड़ सकते हैं।

बाकी राज्यों में सीट शेयरिंग की स्थिति

गुजरात: गुजरात मे आम आदमी पार्टी को 2 सीटें मिल सकती है।
हरियाणा: AAP हरियाणा में भी चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन कांग्रेस उसे एक भी सीट देने के पक्ष में नहीं है।
जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP के साथ चुनाव लड़ेगी। जम्मू की 2 सीट और लद्दाख की एक सीट पर कांग्रेस दावा कर रही है, ऐसी स्थिति में नेशनल कॉन्फ्रेंस दो और PDP एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी।
केरल: 20 सीटों में से कांग्रेस 16 और गठबंधन के बाकी दल 4 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।
तमिलनाडु: DMK 30 और कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन 1-2 सीटों पर पेंच फंस रहा है।
झारखंड में कांग्रेस JMM के साथ चुनाव लड़ेगी, जबकि ओडिशा में लेफ्ट दलों को 1-2 सीट मिल सकती है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में कांग्रेस किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी।
जेडीयू बोली- नीतीश गठबंधन के निर्माता हैं

वर्चुअली बैठक में 28 दलों के गठबंधन में सिर्फ 9 दल के नेता शामिल हुए। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, लालू यादव और तेजस्वी यादव (RJD), बिहार के सीएम नीतीश कुमार (JDU), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (AAP), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), सीताराम येचुरी (CPI-M), डी राजा (CPI), शरद पवार (NCP-शरद पवार) और DMK की तरफ से तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन जुड़े।

संयोजक के पद पर नीतीश कुमार का नाम प्रस्तावित किया गया था, लेकिन बिहार के CM ने इसे ठुकरा दिया। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने दैनिक भास्कर को बताया, नीतीश गठबंधन के निर्माता हैं और ये पद संयोजक से बड़ा होता है।

वहीं, प्रधानमंत्री चेहरे के सवाल पर त्यागी बोले- पहले चुनाव रिजल्ट घोषित हो जाए उसके बाद इसका जवाब देंगे। उधर, NCP अध्यक्ष शरद पवार ने भी कहा- गठबंधन को वोट मांगने के लिए किसी एक चेहरे को पेश करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि नेता कोई भी हो सकता है।

​​​अन्य बड़ी पार्टियों का मीटिंग से दूरी बनाने का कारण

TMC ने कहा- बैठक की जानकारी देर से मिली
तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी इस मीटिंग का हिस्सा नहीं थीं। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर ममता ने पहले से ही कांग्रेस से दूरी बना रखी है। वह कांग्रेस को बंगाल में 2 सीटें देने पर अड़ी हैं।

ये पहला मौका नहीं है, जब ममता बनर्जी ने बैठक में आने से इनकार किया है। दिसंबर 2023 में भी ममता गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुई थीं। तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने बैठक की जानकारी दो दिन पहले दी। ऐसे में मैं पहले से तय अपने कार्यक्रम रद्द नहीं कर सकतीं।

उद्धव बोले - मीटिंग में न आने की जानकारी दे दी थी
शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे शनिवार को एक निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देते हुए बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि पार्टी ने बैठक में भाग लेने में असमर्थता के बारे में (विपक्षी गुट को) पहले ही सूचित कर दिया था। इस संबंध में कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।

खड़गे का गठबंधन दलों को न्याय यात्रा में शामिल होने का न्योता

वर्चुअल मीटिंग के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने INDIA ब्लॉक के सभी दलों को अपनी सुविधानुसार भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है। राहुल की ये यात्रा 14 जनवरी से शुरू हो रही है। जो 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी।

बैठक के बाद खड़गे और राहुल से मिले केजरीवाल
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल 13 जनवरी को वर्चुअल मीटिंग के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों की मुलाकात के दौरान राहुल गांधी भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि आप और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हुई।

अब राज्यवार जानिए INDIA गठबंधन के दलों की स्थिति

दिल्ली में कांग्रेस और AAP के बीच फंसेगा पेंच

अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब की सभी 13 सीटें मांगी हैं। वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और दिल्ली में भी पार्टी सत्ता में है। ऐसे में राजधानी में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंस सकता है। दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर BJP ने कब्जा जमाया था। राजधानी में AAP और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग आसान नहीं रहने वाली है। AAP चाहेगी कि सत्ता में होने के चलते उसे ज्यादा सीटें मिलें, वहीं कांग्रेस अपने पाले में ज्यादा से ज्यादा सीटें रखना चाहेगी। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल 17 दिसंबर को बठिंडा में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। पंजाब के CM भगवंत मान भी वहां मौजूद थे। जनसभा के दौरान केजरीवाल ने लोगों से पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें मांग लीं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और AAP चीफ के इस बयान से साफ है कि पंजाब में सीट शेयरिंग को लेकर AAP और कांग्रेस में टकराव देखने को मिल सकता है।

ममता ने कहा- बंगाल में TMC की BJP से सीधी टक्कर

ममता बनर्जी ने 28 दिसंबर को राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। उत्तर 24 परगना में एक रैली के दौरान ममता ने कहा कि हमें BJP को सबक सिखाना है, किसी अन्य पार्टी को नहीं। बंगाल में TMC की सीधी टक्कर BJP से है। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर सभी पार्टियों से खुले मन से बात की जाएगी।

संजय राउत ने कहा- शिवसेना (UBT) महाराष्ट्र की बड़ी पार्टी

उधर, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने 29 दिसंबर को महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर कोई समझौता न करने के संकेत दिए थे। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है। लोकसभा चुनाव में दादरा और नगर हवेली सहित 23 सीटों पर शिवसेना लड़ती रही है और वह मजबूती से लड़ेगी।

MP विधानसभा चुनाव में आमने-सामने आई थी सपा और कांग्रेस

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने कांग्रेस से 6 सीटें मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस 4 सीटें छोड़ने को राजी थी। अखिलेश का कहना था कि यदि मुझे यह पहले पता होता कि गठबंधन विधानसभा स्तर पर नहीं है तो कांग्रेस से कभी बात ही नहीं करता। अखिलेश ने कांग्रेस को चेतावनी भी दी थी कि UP में कांग्रेस के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाएगा, जैसा हमारे साथ कांग्रेस मध्य प्रदेश में कर रही है।


बिहार में लोकसभा की 40 सीटें, कैसे होगा सीट बंटवारा

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। I.N.D.I.A में RJD, JDU, कांग्रेस के साथ ही लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं। यानी 40 लोकसभा सीटों के लिए छह पार्टियां दावेदार हैं। कांग्रेस नौ सीटें मांग रही है तो वहीं लेफ्ट पार्टियां भी आधा दर्जन से ज्यादा सीटें चाहती हैं। बिहार के CM नीतीश कुमार की कोशिश है कि कम से कम उन सभी सांसदों का टिकट सुनिश्चित हो जो 2019 में जीते थे। RJD विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने को आधार बनाकर ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रही है।

कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव
I.N.D.I.A में शामिल पार्टियों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है। गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कांग्रेस करीब 310 सीटों पर लड़ सकती है और करीब 230 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है।

कांग्रेस और BJP के बीच गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, अरुणाचल, चंडीगढ़ और गोवा में सीधी टक्कर है। यहां पर कांग्रेस को छोड़कर I.N.D.I.A के 27 दलों में से किसी का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। इन राज्यों में 131 सीटें ऐसी हैं, जहां पर BJP 50% से ज्यादा वोटों से जीती है। यानी इन सीटों पर भी I.N.D.I.A के बजाय कांग्रेस को जोर लगाना होगा।


I.N.D.I.A की पिछली चार बैठकें

पहली बैठक: नीतीश ने अगुआई की, 15 दल शामिल हुए
विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक पटना में हुई थी। इस बैठक की अगुआई बिहार के CM नीतीश कुमार ने की थी। बैठक में विपक्ष के 15 दल शामिल हुए थे। ये बैठक अगले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार का सामना करने के लिए विपक्ष को एक साथ लाने के लिए थी।

दूसरी बैठक : गठबंधन का नाम I.N.D.I.A तय किया गया

विपक्षी एकता की दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आए थे। इस बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम INDIA तय किया गया था। इसका फुल फॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस है।

तीसरी बैठक: 5 कमेटियां बनीं, चुनाव की रणनीति बनाई गई

I.N.D.I.A अलायंस की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त-1 सितंबर को हुई थी। मीटिंग में अलायंस ने 5 कमेटियों का गठन किया था। इनमें कैंपेन कमेटी, कोऑर्डिनेशन/स्ट्रैटजी कमेटी, मीडिया, सोशल मीडिया और रिसर्च कमेटी शामिल हैं। इस बैठक में 28 विपक्षी दलों ने पांच राज्यों में हो चुके चुनाव की रणनीति तैयार की थी।

चौथी बैठक: ममता ने PM फेस के लिए खड़गे का नाम दिया

I.N.D.I.A की चौथी बैठक 19 दिसंबर को दिल्ली के अशोका होटल में हुई थी। इसमें पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने PM चेहरे के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का सुझाव रखा। अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन किया। यह जानकारी बैठक के बाद MDMK (मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के सांसद वाइको ने दी। हालांकि PM फेस के सवाल पर UP के पूर्व CM अखिलेश यादव ने चुप्पी साध ली।

2024 में क्षेत्रीय दलों से सीधे लड़ेगी भाजपा : मोदी की गारंटी पर फोकस होगा, विपक्ष को मात देने 50% वोट का लक्ष्य

दिल्ली में भाजपा की दो दिनों से चल रही बैठक शनिवार शाम को खत्म हो गई। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा ने सत्ता की हैट्रिक मारने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। दो दिवसीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन के प्रमुख नेताओं से पार्टी का वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में जुटने को कहा। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 37 फीसदी वोट के साथ 303 सीटें मिली थीं।