मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष, जेडीयू बोली- सरकार तैयार है नियमावली के साथ लाए सवाल का जवाब दिया जाएगा
22 जुलाई से बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। इस बार विपक्ष सदन में लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर सरकार की तैयारी में है। बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं का मुद्दा सबसे अधिक छाया रहेगा। सत्र 26 जुलाई तक चलेगा।
भाकपा माले पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा कहते हैं कि बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ गई है। गरीब, दलित, मजदूर, कर्मचारी विरोधी सरकार बन गई है। इनके सवाल पर सरकार गंभीर नहीं है। 23 जुलाई को नीट के सवाल पर मार्च होगा। 24 जुलाई को मुजफ्फरपुर में युवक-युवतियों के शोषण को लेकर मार्च होगा। रसोइयों को 1650 रुपए मासिक दिया जाता है और साल में 10 माह ही काम दिया जाता है। इसको लेकर रसोइया संघ का बड़ा प्रदर्शन होगा।
25 जुलाई को बुलडोजर राज के खिलाफ जमीन-मकान के लिए, गरीबों का बिजली बिल माफ किया जाए, राशन में कटौती के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। इस सब को लेकर बिहार सरकार कहीं से भी संवेदनशील नहीं है। विधानसभा सत्र के समय हमारी अपील है कि जो भी विधायक गरीबों के पक्ष में हैं वे साथ आएं। विधानसभा और विधान परिषद के अंदर भी जनता के सवाल को लेकर हम सरकार को घेरेंगे।
आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। मुद्दों पर विधानसभा के अंदर और बाहर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के विधायक सरकार को आईना दिखाने का काम करेंगे। बिहार में लॉ एंड ऑर्डर का सवाल है। भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया गया है। पुल-पुलिया लगातार गिर रहे हैं। सरकार का इकबाल खत्म हो गया है। महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और सरकार अफसरों के सामने नतमस्तक हो चुकी है। जनता के सवालों को मजबूती से उठाते हुए सरकार को घेरा जाएगा।
वहीं, जेडीयू के सीनियर नेता और मंत्री श्रवण कुमार कहते हैं कि विपक्ष की अगर सार्थक पहल रहे, विपक्ष जनता के सवाल को उठाए तो कोई दिक्कत नहीं है। सरकार तैयार है कि जो भी सवाल वे लाएंगे नियमावली के हिसाब से सरकार जवाब देगी। लेकिन सिर्फ उछल-कूद और हंगामे से समस्या का समाधान नहीं होगा। सदन नियमावली से चलता है। हम अनुरोध करेंगे कि जनता के ज्वलंत सवालों को विपक्ष उठाए तो मुझे खुशी होगी। हंगामा करना, वेल में जाना और मीडिया का विषय बनाना समाधान नहीं होता।