Movie prime

'मिशन 243' के लिए RCP सिंह ने कसी कमर, जल्द लॉन्च करेंगे पार्टी, बैठकों का दौर जारी

 

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां अभी से बढ़नी शुरू हो गई हैं। इसबार कई नयी राजनीतिक पार्टी भी मैदान में दिखने वाली है। एक तरफ प्रशांत किशोर ने पार्टी बनाकर सभी 243 विधानसभा सीटों पर लड़ने का  ऐलान किया हैं। वहीं अब ऐसी खबरें सामने आ रही है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिलहाल में भाजपा के नेता आरसीपी सिंह ने भी मिशन 243 के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरसीपी सिंह जल्द ही अपनी नयी राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। जिसके लिए लगातार रणनीतियां बनाई जा रही है और बैठकों का दौरा भी जारी है।  

मिली जानकारी के अनुसार आरसीपी सिंह ने पार्टी बनाने के ख्याल को लेकर सबसे पहले बिहार के जिलों का दौरा किया। फिर उन्होंने राज्यभर से कुछ चुनिंदा लोगों की एक सूची बनाई और उनके साथ तीन दिवसीय बैठक किया।  जिसकी शुरुआत 15 अक्टूबर से हुई थी। ऐसा बताया जा रहा कि बैठक के प्रथम दिन संगठन को विस्तार देने पर चर्चा हुई। पंचायत स्तर पर संगठन खड़ा करने को लेकर नामों का चयन किया गया। दूसरे दिन आगामी विधान सभा चुनाव में भाग लेने पर सहमति बनी। बैठक के तीसरे दिन चुनावी औपचारिकता को पूरा करने के लिए एक कमीटी बनाई गई और इस बैठक में फिलहाल 135 उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि जरुर अभी 135 उम्मीदवारों का नाम तय हुए हैं लेकिन आरसीपी सिंह बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहते हैं। हालांकि अधिकारी तौर पर आरसीपी सिंह की तरफ से कोई जानकारी अभी नहीं दी गई है। 

आरसीपी सिंह पार्टी के औपचारिक ऐलान के पहले संगठन को तैयार करने में लगे हैं। हर पंचायत में 25 सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद बूथ लेवल तक कार्यकर्ता की सूची बनाई जाएगी। आरसीपी के संगठन में कई ऐसे लोग भी है जो पहले जदयू में रहकर उनके साथ कम कर चुके हैं। इन लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाना  की बात सामने आई है।

बता दें कि आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। एक समय वो सीएम नीतीश कुमार के सबसे करीबियों में से एक थे। जिस समय नीतीश कुमार देश के रेल मंत्री बने थे उस समय उन्होंने आरसीपी सिंह  को आपना विशेष सचिव बनाया। 2005 में सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार से उन्हें दिल्ली से बिहार बुलाकर अपना प्रधान सचिव बनाया। ऐसा कहा जाता है नीतीश कुमार के कहने पर ही उन्होंने 2010 में अपनी नौकरी से रिटायरमेंट लिया। जिसके बाद नीतीश कुमार ने 2010 और फिर 2016  में उन्हें राज्यसभा भेजा। धीरे- धीरे जदयू में आरसीपी सिंह का कद बढ़ता गया और 2020 में नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह को पार्टी की कमान सौंपते हुए उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। बाद में वह केंद्र सरकार में मंत्री बने।  

केंद्र में मंत्री बनना ही नीतीश से उनकी दूरी का कारण बना। ऐसा कहा जाता है कि नीतीश कुमार केंद्र दो मंत्री पद चाहते थे, लेकिन तब भाजपा इसके लिए राजी नहीं हुई। बतौर अध्यक्ष खुद आरसीपी ने मंत्री बनने का निर्णय  किया। लेकिन मंत्री पद पर एक साल तक ही आरसीपी रह पाए। नाराज नीतीश कुमार ने तीसरी बार राज्य सभा नहीं भेजा। नतीजतन मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। तब नाराज आरसीपी ने भी जदयू के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

वर्ष 2023 में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं। लेकिन भाजपा में जब लगातार उपेक्षा होती रही और फिर भाजपा के साथ जदयू का गठबंधन हो गया तो निराश आरसीपी अपनी पार्टी बनाने की राह पर चल पड़े।